लाफिंग बुद्धा : घर में लाफिंग बुद्धा की मूर्ति रखना बहुत शुभ होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाफिंग बुद्धा हमेशा मुस्कुराते क्यों रहते हैं? आइए जानते हैं उनकी हंसी का मतलब क्या है.
हंसना और खुश रहना ही जीवन का असली आनंद है। इसलिए हर साल मई के पहले रविवार को वर्ल्ड फन डे मनाया जाता है। हंसी के महत्व को दर्शाने के लिए हास्य दिवस भी मनाया जाता है। लोग इस दिन को खुशी से मनाते हैं, एक-दूसरे के साथ मजाक करते हैं, दोस्तों के साथ समय बिताते हैं और जीवन का भरपूर आनंद लेते हैं। हँसी हमें अधिक सकारात्मक बनाती है। इसलिए हंसना इतना महत्वपूर्ण है।
आसपास सकारात्मक ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए लोग अपने घरों और कार्यालयों में लाफिंग बुद्धा की छोटी और बड़ी मूर्तियां रखते हैं। आपने भी कई घरों या दुकानों में ऐसी लाफिंग बुद्धा की मूर्ति देखी होगी या हो सकता है कि आपके घर में भी गोल-मटोल लाफिंग बुद्धा की मूर्ति हो। लाफिंग बुद्धा की मूर्ति सौभाग्य और सुख-समृद्धि से भी जुड़ी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाफिंग बुद्धा कौन थे और वह हमेशा मुस्कुराते क्यों रहते हैं?
लाफिंग बुद्धा की कहानी जानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य लोगों को हंसाना और उन्हें खुश देखना था। आइए विश्व हास्य दिवस पर जानें लाफिंग बुद्धा की हंसी का रहस्य।
लाफिंग बुद्धा को भगवान के रूप में पूजा जाता है
चीन में लोग लाफिंग बुद्धा को भगवान के रूप में पूजते हैं। फेंगशुई के अनुसार, जहां मूर्ति होती है वहां से नकारात्मकता दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भारतीय सभ्यता में भगवान कुबेर का वही स्थान है जो चीन में लाफिंग बुद्धा का है। इन्हें धन का देवता माना जाता है। इसीलिए उनके पास हमेशा गठरियां नजर आती हैं.
लाफिंग बुद्धा और उनकी हंसी की कहानी
चीनी संस्कृति से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार लाफिंग बुद्धा महात्मा बुद्ध के कई शिष्यों में से एक थे। उसका नाम होतेई था जो जापान का रहने वाला था। ऐसा कहा जाता है कि जब होतेई बौद्ध बन गए और उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ तो वह जोर-जोर से हंसने लगे। इसके बाद होटेई जहां भी जाते लोगों को हंसाते और खुश होते। उन्होंने लोगों को हंसाना और खुश करना अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया। इस प्रकार उनका नाम लाफ़िंग बुद्धा पड़ा।
लाफिंग बुद्धा के बारे में एक मान्यता यह भी है कि चीन में उन्हें देवता के रूप में पूजा जाता है। वहां लाफिंग बुद्धा को पुताई कहा जाता है, जो एक भक्त थे। जिसे हंसना, घूमना और मौज-मस्ती करना पसंद है। वह अपने बड़े पेट, विशाल शरीर और गोल-मटोल लुक से सभी को खूब हंसाते थे। इस प्रकार वह बच्चों के बीच भी बहुत लोकप्रिय हो गये। इसीलिए लोग उनकी मूर्ति घर में रखने लगे।
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