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राहु-केतु : ज्योतिष शास्त्र के बारे में हर कोई जानता होगा कि ज्योतिष में कौन सा ग्रह गरीबी और उससे जुड़ी समस्याओं के लिए जिम्मेदार होता है। इससे बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए यह भी जानना जरूरी है। राहु और केतु दोनों छाया ग्रह हैं। इनका नाम सुनकर अक्सर लोग डर जाते हैं. क्योंकि कुंडली में राहु-केतु के अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति परेशानियों और समस्याओं से घिरा रहता है।

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु का प्रभाव है तो उसे आर्थिक संकट या गरीबी का सामना करना पड़ सकता है। कुंडली में इसके अशुभ होने पर आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। राहु और केतु 18 महीने यानी डेढ़ साल बाद राशि परिवर्तन करते हैं।

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु का प्रभाव है तो उसे आर्थिक संकट या गरीबी का सामना करना पड़ सकता है। कुंडली में इसके अशुभ होने पर आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। राहु और केतु 18 महीने यानी डेढ़ साल बाद राशि परिवर्तन करते हैं।

कुंडली में राहु की खराब स्थिति के कारण काम में रुकावट, आर्थिक हानि और धन लाभ में दिक्कतें आती हैं। केतु के बुरे प्रभाव से करियर में तरक्की नहीं मिलती और रिश्ते खराब होने लगते हैं। जिसके कारण मानसिक स्थिति भी ख़राब हो सकती है।

कुंडली में राहु की खराब स्थिति के कारण काम में रुकावट, आर्थिक हानि और धन लाभ में दिक्कतें आती हैं। केतु के बुरे प्रभाव से करियर में तरक्की नहीं मिलती और रिश्ते खराब होने लगते हैं। जिसके कारण मानसिक स्थिति भी ख़राब हो सकती है।

राहु दोष को दूर करने या कम करने के लिए नीले रंग के कपड़े पहनें। केतु के प्रभाव को कम करने के लिए गुलाबी कपड़े पहनें, इससे राहु और केतु के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

राहु दोष को दूर करने या कम करने के लिए नीले रंग के कपड़े पहनें। केतु के प्रभाव को कम करने के लिए गुलाबी कपड़े पहनें, इससे राहु और केतु के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

राहु और केतु दोष को कम करने के लिए पंचमुखी शिव के सामने बैठकर रुद्राक्ष की माला से 'ओम नम: शिवाय' मंत्र का जाप करें।

दरिद्रता से छुटकारा पाने के लिए शेषनाग पर नृत्य करते हुए भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें। इस मूर्ति की प्रतिदिन पूजा करें।

दरिद्रता से छुटकारा पाने के लिए शेषनाग पर नृत्य करते हुए भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें। इस मूर्ति की प्रतिदिन पूजा करें।

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