शनिदेव: शनिदेव को कर्मफल दाता कहा जाता है। वह लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं, अगर आप अच्छे कर्म करेंगे तो शनिदेव की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी। लेकिन अगर आपके कर्म अच्छे नहीं हैं तो शनिदेव के प्रकोप से आपको कोई नहीं बचा सकता।
शनिदेव को क्या पसंद नहीं है?
- शनिदेव को धन को लेकर अहंकार करने वाले लोगों से नफरत है।
- शनिदेव दूसरों से ईर्ष्या करने वालों को दंड देते हैं।
- शनि को ऐसे लोग पसंद नहीं हैं जो काम से बचने की आदत बना लेते हैं।
- जो लोग जरूरतमंदों की मदद या सेवा नहीं करते उन्हें शनिदेव की कृपा प्राप्त नहीं होती है।
- जो लोग दूसरों को धोखा देते हैं उन्हें शनिदेव की कृपा प्राप्त नहीं होती है।
शनि क्रोधित होने पर क्या करते हैं?
- शनिदेव जब क्रोधित होते हैं तो लोगों को उनके कर्मों के अनुसार दंड देते हैं।
- लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- आपको पैसों की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
- बिजनेस और करियर में आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
- शनि के क्रोधित होने पर आपके काम बिगड़ने लगते हैं।
- शनिदेव के प्रकोप के कारण आपके कार्यों में बाधा आने लगती है। इसका मतलब है कि शनिदेव आपसे नाराज हैं।
इन 2 राशियों पर शनिदेव की विशेष कृपा है
शनि मकर और कुंभ राशि का स्वामी है। कुम्भ और मकर राशि के लोग भाग्यशाली होते हैं।
इस राशि के लोगों पर शनिदेव की कृपा सदैव बनी रहती है। इन राशियों पर शनिदेव की विशेष कृपा होती है और शनिदेव की कृपा से इन लोगों को जीवन में परेशानियां कम होती हैं।
साल 2024 में शनिदेव कुंभ राशि में विराजमान हैं।
इन राशियों पर शनि की पैनी नजर रहेगी
भगवान शनि अपनी स्वराशि कुंभ में स्थित हैं। शनि की साढ़ेसाती स्वराशि में होने के कारण मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर प्रभाव डालेगी। साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि पर भी शनि का प्रभाव रहेगा। शनि की कठोर दृष्टि के कारण इस राशि के जातकों को करियर, वित्त और प्रेम जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शनि ढैय्या किसी भी राशि पर ढाई वर्ष तक रहता है। शनि के राशि परिवर्तन से ढैय्या का प्रभाव समाप्त हो जाता है। साल 2025 में शनि का राशि परिवर्तन होगा।
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