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वास्तुशास्त्र का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। वास्तु के अनुसार काम करने से कई लाभ मिलते हैं। सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का बहुत महत्व होता है जो घर में रहने वाले सदस्यों को प्रभावित करती है। वास्तु दोष का प्रभाव वैवाहिक जीवन पर भी पड़ता है। जिसके कारण अक्सर रिश्ते खराब हो जाते हैं।  

पति-पत्नी का रिश्ता प्यार, विश्वास और सम्मान पर आधारित होता है। यह रिश्ता जितना मजबूत होगा जिंदगी उतनी ही खुशहाल होगी। कुछ आसान वास्तु टिप्स अपनाकर आप अपने वैवाहिक जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। शादी के बाद कुछ वास्तु टिप्स का पालन करना जरूरी हो जाता है। 

शयनकक्ष में लोहे या अन्य धातु का बिस्तर न रखें

पति-पत्नी का शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना शुभ माना जाता है। यह दिशा पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह को बढ़ाती है। इसके अलावा बिस्तर का भी खास ख्याल रखें। बिस्तर लोहे या किसी अन्य धातु का नहीं बना होना चाहिए। पति-पत्नी को हमेशा लकड़ी का बेड इस्तेमाल करना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है।

शयनकक्ष में फूलदान रखना चाहिए

वास्तु के अनुसार पति-पत्नी को बेडरूम को फूलों से सजाना चाहिए। इससे पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है। इस फूलदान की देखभाल पति-पत्नी दोनों को मिलकर करनी चाहिए। इसे साफ करने से वैवाहिक जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।

कमरे में दर्पण नहीं रखना चाहिए

शयनकक्ष में कभी भी दर्पण नहीं लगाना चाहिए। इससे पति-पत्नी के रिश्ते में दूरियां बढ़ती हैं। अगर दर्पण है भी तो सुनिश्चित करें कि सुबह उठते ही आप सीधे उसमें न देखें।

केवल एक गद्दा है 

पति-पत्नी द्वारा साझा किए जाने वाले बिस्तर पर हमेशा एक ही गद्दा होना चाहिए। यदि बिस्तर डबल बेड है तो डबल बेड का गद्दा रखें। ऐसा माना जाता है कि दो तकिये वाले बिस्तर पर सोने से पति-पत्नी के बीच दूरियां आने लगती हैं।

कमरे में हल्के रंगों का प्रयोग करें 

बेडरूम की दीवारों को हमेशा हल्के रंग से रंगना चाहिए। नए जोड़ों को कमरे में अच्छी रोशनी रखनी चाहिए। कमरा हमेशा सुगंधित होना चाहिए। इससे पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है और नई ऊर्जा पैदा होती है।

नमक के पानी से धोएं

जिस कमरे में विवाहित जोड़े सोते हैं उसे नमक के पानी से धोना चाहिए। नमक डालने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है। शयनकक्ष में कभी भी मकड़ी के जाले जमा न होने दें क्योंकि इससे नकारात्मकता आती है।

पति सदैव दाहिनी ओर सोता है

वास्तु शास्त्र के अनुसार पत्नी को हमेशा बायीं करवट और पति को दाहिनी करवट सोना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन में चल रहा तनाव दूर हो जाता है और पति-पत्नी के बीच रिश्ता मजबूत होता है। 


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