वास्तु टिप्स: हिंदू धर्म में वास्तु को बहुत महत्व दिया जाता है। खासकर जब बात घर की हो तो वास्तु का ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है। दरअसल घर से जुड़े कई वास्तु दोष होते हैं। अगर इस बात का ध्यान नहीं रखा गया तो घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करने लगती है।
ये नकारात्मक ऊर्जाएं आपके घर में अशांति, वित्तीय संकट, बीमारियों और दुर्भाग्य को आमंत्रित करती हैं। इन नकारात्मक ऊर्जाओं को आप देख नहीं सकते लेकिन आप इन्हें अच्छे से महसूस कर सकते हैं। अगर
वास्तु शास्त्र के अनुसार आजकल हर कोई अपने घर में सुख-समृद्धि और शांति बनाए रखने के लिए उपाय करता है या उसके नियमों का पालन करता है, क्योंकि वास्तु के अनुसार अगर हमारे आसपास वास्तु दोष हो तो व्यक्ति का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
घर में वास्तु दोष के कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है, जिसके कारण व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार घर से नकारात्मकता को दूर करने के लिए बहुत ही सरल उपाय बताए गए हैं।
वास्तुशास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं जिनकी मदद से हम अपने घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकते हैं।
घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का सबसे आसान तरीका है कि दिन में कुछ देर के लिए घर की खिड़कियां खोल दें। ऐसा करने से घर में रोशनी और हवा का प्रवेश होता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।
आपको तुलसी का पौधा घर की उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। इसके अलावा घर के मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की मूर्ति, स्वास्तिक और ओम का चिन्ह बनाएं।
जिन घरों में नियमित रूप से सुबह-शाम घी का दीपक जलाया जाता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं रहती।
घर में बने मंदिर की रोजाना सफाई करनी चाहिए। देवी-देवताओं पर चढ़ाए गए फूल-मालाएं अगले दिन हटा देना चाहिए।
घर में सूखे फूलों का गुलदस्ता रखने से परिवार के सदस्यों में नकारात्मकता का भाव पैदा होता है। ऐसे में रोजाना फूलदान में ताजे फूल लगाएं या संभव न हो तो हटा दें।
अगर घर में कुछ बिजली के उपकरण ठीक से काम नहीं कर रहे हैं तो उन्हें तुरंत ठीक कराना चाहिए।
घर की दीवारों में सीलन या दरार नहीं होनी चाहिए। जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
अपने घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए अपने पानी में नमक मिलाएं।
नमक नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करता है।
Read More: मई 2025 व्रत-त्योहार कैलेंडर: बुद्ध पूर्णिमा से शनि जयंती तक, जानिए तिथियां, महत्व और पूजा मुहूर्त"
Brijendra
Share



