Donald Trump's Tariff Comment : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में यह दावा किया कि दुनियाभर के देश अमेरिका के साथ व्यापार समझौते करने को उतावले हैं और टैरिफ पर बातचीत के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई देश उनसे व्यापार के लिए विनती कर रहे हैं। इसी के बीच भारत ने अमेरिका के उस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त सीमा शुल्क लगाया गया है।
अमेरिका का 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 26 प्रतिशत तक का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस कदम के जवाब में भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अमेरिका के साथ एक पारस्परिक लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के प्रयास में जुटा है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार इन नए टैरिफ्स के प्रभावों का आकलन कर रही है और इसके लिए संबंधित हितधारकों से भी परामर्श किया जा रहा है।
उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत बताते हुए कहा कि भारत आशावान है कि बीटीए को लेकर बातचीत सफल होगी। भारत के इस रुख से साफ है कि वह टकराव के बजाय बातचीत और सहयोग की नीति को प्राथमिकता दे रहा है।
जवाबी टैरिफ की पृष्ठभूमि और भारत-अमेरिका संवाद
अमेरिका ने सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अन्य देशों पर भी जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस बीच, फरवरी में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस साल के अंत तक पहले चरण की व्यापार वार्ता आयोजित करने पर सहमति जताई थी। इसका उद्देश्य एक संतुलित और व्यावहारिक व्यापार समझौते की नींव रखना था।
हालांकि अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ, खासकर भारतीय उत्पादों पर, इस प्रक्रिया को जटिल बना सकते हैं। ऐसे में दोनों देशों के नेताओं के बीच संवाद बनाए रखना पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है।
डोनाल्ड ट्रम्प की सख्त चेतावनी और आत्मविश्वास
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने हालिया बयानों में दोहराया कि दुनिया भर के देश अमेरिका से व्यापार समझौता करने के लिए अधीर हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि कई देश उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर अनुरोध कर रहे हैं। ट्रम्प ने कहा कि विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाकर उन्होंने अमेरिका की स्थिति को मजबूत किया है और अब सभी देश खुद आगे आकर समझौते की पेशकश कर रहे हैं।
उनके अनुसार, “वे लोग मेरे सामने विनती कर रहे हैं कि किसी तरह व्यापार समझौता हो जाए। मैं कुछ भी करूंगा, सिर्फ समझौता कर लीजिए।” उनके इस बयान से साफ है कि वे वैश्विक व्यापार में अमेरिका की प्राथमिकता को लेकर काफी आत्मविश्वासी हैं और इसे अपनी प्रशासनिक सफलता के रूप में देख रहे हैं।
दवाओं पर शुल्क और अमेरिका की रणनीति
ट्रम्प ने इस बात का भी संकेत दिया है कि अमेरिका अब दवाओं के आयात पर भी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की तैयारी में है। उनके मुताबिक, जैसे ही अमेरिका यह कदम उठाएगा, दवाइयों का उत्पादन अन्य देशों से अमेरिका में स्थानांतरित हो जाएगा क्योंकि अमेरिका के पास दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है।
उन्होंने कहा कि जब कंपनियां यह जानेंगी कि अमेरिका में उनके उत्पादों पर भारी शुल्क लगेगा, तो वे उत्पादन केंद्र बदलने को मजबूर हो जाएंगी। उनका यह बयान चीन और अन्य देशों पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा लगता है, जिससे अमेरिकी बाजार में स्थानीय निर्माण को बढ़ावा दिया जा सके।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों की वास्तविकता
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते हमेशा से मजबूत रहे हैं। दोनों देशों ने समय-समय पर आपसी हितों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। हालांकि, अमेरिका द्वारा उठाए गए नए टैरिफ कदम इस सहयोग को अस्थायी रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
यह स्पष्ट है कि भारत बातचीत के जरिए समाधान चाहता है, जबकि अमेरिका दबाव की रणनीति के जरिए अपनी शर्तों को आगे बढ़ाना चाहता है। अब देखना यह है कि दोनों देश इन मतभेदों को कैसे सुलझाते हैं और क्या एक व्यावहारिक व्यापार समझौता जल्द देखने को मिलेगा।
Brijendra
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