सूरत जिले में एक सामान्य बात को लेकर फायरिंग की गई, जिसमें शूटर समेत तीन लोग घायल हो गए. जानकारी के मुताबिक, शहर के पलसाना के टुंडी गांव में क्रिकेट खेलने को लेकर हुए झगड़े के बाद फायरिंग की गयी. गोली चलाने का आरोप विकास तोमर नाम के युवक पर है. आरोपी युवक ने अपने पिता की बंदूक से गोली चला दी, जिसमें उसके समेत तीन लोग घायल हो गए।
सूरत के पलसाना में अंधाधुंध फायरिंग की घटना हुई है. टुंडी गांव में गोलीबारी की घटना हुई. द्वारकेश सोसायटी में कल रात क्रिकेट के खेल को लेकर हंगामा मच गया। क्रिकेट को लेकर विकास नाम के युवक का दूसरों से विवाद हो गया. विकास एक एक्स आर्मी मैन का बेटा है जो टीएसएस सुरक्षा एजेंसी चलाता है।
मारपीट के बाद कुछ लोग विकास के घर पहुंच गए। भीड़ से घबराकर विकास ने अपने पिता की बंदूक से गोली चला दी. फायरिंग के बाद लोग भागने लगे. इस घटना में तीन लोग घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है. फायरिंग की घटना का वीडियो कैमरे में कैद हो गया है.
गोलीबारी की घटना की सूचना मिलने पर पलसाना पुलिस का जाब्ता मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित किया. गोलीबारी में घायलों को इलाज के लिए बारडोली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
सूरत में पति से पिटी पत्नी का प्रदर्शन
गुजरात के सूरत में बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले को लेकर पीड़ित पतियों ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया और पुरुषों के लिए एक आयोग के गठन की मांग की। आंदोलनकारियों ने कहा कि झूठे मुकदमों के जरिए प्रताड़ित किए गए लोगों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
सूरत के आठवीं लाइन्स सर्कल में आयोजित विरोध प्रदर्शन बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या से शुरू हुआ, जिन्होंने आत्महत्या करने से पहले अपनी पत्नी पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाते हुए एक वीडियो बनाया था। इस मामले पर एक नई बहस शुरू हो गई है, जो कानून में महिलाओं को मिले विशेष अधिकारों के दुरुपयोग की बात कर रही है.
प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां लेकर विरोध जताया. कुछ तख्तियों पर लिखा था 'पुरुषों के अधिकार मानवाधिकार हैं', जबकि अन्य में 2014 से 2022 तक पुरुष आत्महत्या के आंकड़े प्रदर्शित थे। एक ने सरकार से पुरुष आयोग नियुक्त करने का आग्रह किया, जबकि दूसरे ने लिखा 'फर्जी मामले मानवता के खिलाफ अपराध हैं।' कुछ तख्तियों पर 'मेन नॉट एटीएम' लिखा हुआ था, जिसके जरिए आंदोलनकारियों ने पुरुषों के दर्द को अपने अनोखे अंदाज में व्यक्त किया।
Brijendra
Share



