Sushant Singh Rajput Case Update : बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला एक बार फिर चर्चा में है। जून 2020 में मुंबई स्थित अपने फ्लैट में मृत पाए गए सुशांत के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अब अपनी अंतिम क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि यह मामला आत्महत्या का था।
क्या कहती है सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट?
22 मार्च 2025 को दाखिल की गई इस रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा है कि:
- सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी मर्जी से आत्महत्या की थी, और उन पर किसी तरह का बाहरी दबाव या साजिश नहीं थी।
- रिपोर्ट के मुताबिक, इस केस में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के खिलाफ कोई आपराधिक साक्ष्य नहीं मिले, इसलिए उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है।
- जांच में कोई आपराधिक षड्यंत्र या छेड़छाड़ का प्रमाण सामने नहीं आया है।
- एम्स के फोरेंसिक विशेषज्ञों ने भी साफ किया कि यह हत्या नहीं, आत्महत्या ही थी।
- सोशल मीडिया चैट्स और डिजिटल सबूतों को अमेरिका भेजा गया था, वहां से भी छेड़छाड़ या साजिश की कोई पुष्टि नहीं हुई।
सुशांत के परिवार ने उठाए थे सवाल
शुरुआती जांच में जहां यह मामला सामान्य आत्महत्या का माना जा रहा था, वहीं सुशांत के परिवार ने इस पर कई सवाल उठाए थे। उन्होंने रिया चक्रवर्ती और अन्य के खिलाफ पटना में FIR दर्ज कराई थी, जिसमें आत्महत्या के लिए उकसाना, धोखाधड़ी, चोरी और गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाने जैसे आरोप लगाए गए थे।
इस FIR के बाद मामला बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर विवाद में फंस गया था। अंततः बिहार सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने इस केस की जांच CBI को सौंप दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त 2020 को CBI को जांच की मंजूरी दी।
फोरेंसिक टीम का निष्कर्ष
एम्स की फोरेंसिक टीम, जिसने सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य सबूतों का विश्लेषण किया, उसने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि:
- कोई जहर नहीं दिया गया था।
- गला घोंटने या शारीरिक हिंसा के कोई प्रमाण नहीं मिले।
- यह पूरी तरह से आत्महत्या का मामला है।
CBI ने अपनी जांच में इन रिपोर्ट्स को आधार बनाते हुए ही केस को क्लोज करने का निर्णय लिया।
अब क्या विकल्प हैं परिवार के पास?
CBI की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद भी, सुशांत सिंह राजपूत का परिवार इस रिपोर्ट से सहमत नहीं है तो उनके पास अदालत में विरोध याचिका दाखिल करने का विकल्प है। वे मुंबई की कोर्ट में अपील कर सकते हैं कि जांच को फिर से खोला जाए या किसी विशेष एंगल की दोबारा जांच हो।
अब अंतिम निर्णय कोर्ट पर निर्भर करता है कि वो सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करता है या नहीं।
कहानी यहीं खत्म नहीं होती, बल्कि अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सुशांत का परिवार इस रिपोर्ट को स्वीकार करता है या एक बार फिर नए कानूनी कदम उठाए जाते हैं।
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Brijendra
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