Navratri 2024 : आज से आसो नवरात्रि शुरू हो रही है. इस बार घटस्थापना के लिए दो बेहद शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. जानिए नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि
स्थापना का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना के लिए सुबह 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक का शुभ समय है. तो आपको सुबह सेट होने के लिए 1 घंटा 6 मिनट का समय मिलेगा। इसके अलावा दोपहर के समय अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना कर सकते हैं। अभिजीत मुहूर्त शुभ एवं सर्वोत्तम माना जाता है।
आप डाउनग्रेड कैसे करते हैं?
- -नवरात्रि से पहले पूजा करने का स्थान पवित्र कर लें।
- स्नान करने के बाद पूजा अनुष्ठान शुरू करें। पूजा के दौरान लाल कपड़े पहनें।
- सबसे पहले दीपक जलाएं और गणेश जी और मां दुर्गा का आह्वान करें
- आसन बिछाकर उस पर गणेश जी और मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
- फिर एक तांबे के कलश में जल भरें और उसमें एक सुपारी का सिक्का डालकर कलश की स्थापना करें
- कलश को उत्तर-पूर्व कोने में रखना शुभ माना जाता है।
- कलश के मुख पर गांठ बांध दें. इसमें कुमकुम चावल डालें, ऊपर से नारियल नदाचड़ी बांधें, आप चाहें तो इसमें लाल चुंदड़ी भी बांध सकते हैं. इसे कलश पर रखकर उसके ऊपर आम के पांच पत्ते रखें और उसके ऊपर यह नारियल रख दें।
- - अब मां दुर्गा गणेश और कलश की चंदन, धूप, दीप और फूल चढ़ाकर पूजा करें. फिर थाल रखें और आरती करें.
इस वर्ष आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को रात्रि 12.18 बजे से 4 अक्टूबर को प्रातः 02.58 बजे तक रहेगी। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का शुभ समय सुबह 06 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 22 मिनट तक है.
शारदीय नवरात्रि में महाष्टमी और दुर्गानवमी का दिन सबसे प्रभावशाली माना जाता है। इस बार नवरात्रि में अष्टमी 11 अक्टूबर और महानवमी 12 अक्टूबर 2024 को है.
साल 2024 की शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा पालकी में सवार रहेंगी, क्योंकि इस साल गुरुवार से नवरात्रि शुरू हो रही है। यदि गुरुवार से नवरात्रि प्रारंभ होती है तो देवी मां पालकी में सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं। असो नवरात्रि की 9 देवियाँ - माँ शैलपुत्री, माँ ब्रह्मचारिणी, माँ चंद्रघंटा, माँ कुष्मांडा, माँ स्कंदमाता, माँ कात्यायनी, माँ कालरात्रि, माँ महागौरी, माँ सिद्धिदात्री। नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक अखंड ज्योत जलाई जाती है। घी का दीपक देवी के दाहिनी ओर और तेल का दीपक देवी के बायीं ओर रखना चाहिए।
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