Maha Kumbh stampede : प्रयागराज में महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और धार्मिक मेला माना जाता है, जहां लाखों-करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर उमड़ते हैं। लेकिन इतने विशाल आयोजन में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन जाती है।
इस साल, मौनी अमावस्या स्नान के दौरान मची भगदड़ ने सभी को झकझोर कर रख दिया। 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई घायल हो गए। इस दर्दनाक घटना के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं – महाकुंभ में सुरक्षा को कैसे सुनिश्चित किया जाता है? प्रशासन इसकी तैयारी कैसे करता है?
महाकुंभ की सुरक्षा तैयारियां कैसे होती हैं?
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन की योजनाबद्ध तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है। सरकार यह सुनिश्चित करती है कि:
मेले का प्रभारी कौन होगा?
कितने पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे?
किन जगहों पर सुरक्षा बलों की संख्या अधिक होगी?
इस बार प्रयागराज में महाकुंभ के लिए एक अस्थायी जिला बनाया गया है, जिसे "महाकुंभ नगरी" कहा जाता है। यहां एक विशेष जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन तैनात किया गया है, जो कुंभ मेले के दौरान हर स्थिति पर नजर रखते हैं और जरूरत पड़ने पर तुरंत एक्शन लेते हैं।
कैसे होता है भीड़ नियंत्रण?
महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती होती है। प्रशासन इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाता है:
- सड़कें और प्रवेश द्वार: अधिकारी यह तय करते हैं कि कौन-सी सड़क कब बंद करनी है और श्रद्धालुओं को किस रास्ते से प्रवेश देना है।
- घाटों पर सीमित प्रवेश: एक बार में कितने लोग घाट पर मौजूद रह सकते हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा घेरा और बैरिकेडिंग की जाती है।
- ड्रोन और सीसीटीवी निगरानी: पूरे क्षेत्र में ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी की मदद से लगातार निगरानी रखी जाती है।
- शाही स्नान के दौरान विशेष व्यवस्था: जब अखाड़ों के संत और लाखों श्रद्धालु एक साथ स्नान करने पहुंचते हैं, तब सुरक्षा और भी सख्त कर दी जाती है।
महाकुंभ को क्यों बनाया जाता है अस्थायी जिला?
चूंकि महाकुंभ में करोड़ों लोग शामिल होते हैं, इसलिए इसे एक अलग जिला घोषित किया जाता है। इसका फायदा यह होता है कि:
प्रबंधन और प्रशासन बेहतर तरीके से किया जा सके। हर छोटी-बड़ी घटना पर तत्काल निर्णय लिया जा सके अधिकारी और पुलिस बल केवल महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
इस बार महाकुंभ के विशेष जिलाधिकारी विजय किरण आनंद को नियुक्त किया गया है। उनके साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक टीम पांच उच्च अधिकारियों की देखरेख में पूरे मेले की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं।