Job Astrology: जीवित रहने के लिए नौकरी या व्यवसाय आवश्यक है। नौकरी में कई छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। अगर ऑफिस में सब कुछ ठीक चल रहा है और बॉस आपसे खुश हैं तो प्रमोशन की संभावना है। अगर आपका बॉस नाराज है या आप उसकी पीठ पीछे उसकी बुराई करते हैं तो कुछ ग्रह-नक्षत्र आप पर बुरा असर डाल सकते हैं। आइए जानते हैं बॉस के बारे में बुरा बोलने से कौन सा ग्रह नकारात्मक परिणाम देता है।
बॉस की आलोचना करने से इस ग्रह पर बुरा प्रभाव पड़ता है
अगर आप अपने बॉस की पीठ पीछे बुराई करते हैं या बॉस भी आपके कार्यों से परेशान है तो समझ लीजिए कि ग्रहों के राजा सूर्य आपसे खुश नहीं हैं। अगर आप ऑफिस में अक्सर अपने बॉस से आलोचना सुनते हैं या लाख कोशिशों के बावजूद खुद से खुश नहीं हैं तो समझ लें कि आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है।
कुंडली में सूर्य के कमजोर या अशुभ होने पर बॉस से रिश्ते खराब होने लगते हैं। जिसके कारण कई बार कड़ी मेहनत करने के बाद भी बॉस की आलोचना का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कुंडली में सूर्य मजबूत है तो बॉस से अच्छे संबंध रहेंगे।
पितृदोष भी अशुभ फल देता है
अगर आपकी कड़ी मेहनत के बावजूद आपका बॉस आपसे नाराज है तो इसका एक कारण कुंडली में मौजूद पितृदोष भी हो सकता है। अगर किसी की कुंडली में पितृ दोष है तो संभव है कि बॉस की थोड़ी सी नाराजगी भी आप पर भारी पड़ सकती है।
कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर भी बॉस से तालमेल नहीं बन पाता है। यहां तक कि बॉस को भी पता चल जाता है कि आप बॉस की पीठ पीछे अपने सहकर्मियों की बुराई कर रहे हैं। ऐसे में आप पर काम का काफी दबाव आ सकता है।
सूर्य की कृपा से बॉस प्रसन्न होते हैं
अगर आप अपने बॉस के बारे में बुरा बोलते हैं तो आपको सूर्य भगवान की नाराजगी का सामना करना पड़ता है, लेकिन अगर आप पर सूर्य भगवान की कृपा है तो आपका बॉस आपके छोटे से काम से भी बहुत प्रभावित होता है। कुंडली में सूर्य की स्थिति खराब होने पर संभव है कि अधिकारी आपके किसी काम से खुश नहीं रहेंगे। बॉस की नाराजगी के कारण नौकरी छोड़नी पड़ सकती है।
सूर्य को मजबूत करें
ऑफिस में बॉस के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले आपको अपने बॉस के बारे में चुगली करना बंद करना होगा। ऑफिस में जो भी काम आपको सौंपा जाए उसे पूरी ईमानदारी से करें। इसके अलावा कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के उपाय भी करें।
इसके लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। इसके बाद तांबे के लोटे में जल, आधा चम्मच चीनी, लाल फूल, लाल चंदन और रोली डालकर सूर्य को अर्घ्य दें और ध्यान रखें कि अर्घ्य देते समय पैरों पर पानी के छींटे नहीं पड़ने चाहिए।
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