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कुंडली में मुख्यत : बारह प्रकार के कालसर्प योग बताये गये हैं। हमने कालसर्प दोष की शांति के लिए कई उपायों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ सही रुद्राक्ष पहनने से भी कालसर्प योग के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

सबसे पहले किए जाने वाले कालसर्प योग के लिए एकमुखी, आठमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष को काले धागे में बांधकर गले में धारण करना चाहिए।

दूसरे भाव में बनने वाले कालसर्प योग के लिए गुरुवार के दिन पंचमुखी, आठमुखी और नवमुखी रुद्राक्ष को काले धागे में पिरोकर गले में धारण करें।

तीसरे स्थान पर कालसर्प योग हो तो तीन मुखी, आठ मुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष को लाल धागे में पिरोकर मंगलवार के दिन धारण करना चाहिए।

चतुर्थ स्थिति में कालसर्प योग हो तो दोमुखी, आठमुखी, नौमुखी रुद्राक्ष सफेद धागे में सोमवार की रात को धारण करना चाहिए।

यदि पंचम स्थान में कालसर्प योग हो तो पांचमुखी, आठमुखी, नौमुखी रुद्राक्ष पीले धागे में गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए।

छठे स्थान कालसर्प योग के लिए मंगलवार के दिन तीनमुखी, आठमुखी और नवमुखी रुद्राक्ष को लाल धागे में पिरोएं।

सप्तम स्थान में कालसर्प योग हो तो चामुखी, आठमुखी और नवमुखी रुद्राक्ष को चमकदार या सफेद धागे में रात के समय धारण करना चाहिए।

आठवें स्थान पर कालसर्प योग हो तो नवमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

यदि नवम स्थान में कालसर्प योग हो तो पंचमुखी और नवमुखी रुद्राक्ष को पीले धागे में गुरुवार की दोपहर को धारण करना चाहिए।

यदि दशम स्थान में कालसर्प योग हो तो बुधवार की शाम को हरे रंग के धागे में चारमुखी, आठमुखी और नवमुखी रुद्राक्ष धारण करें।

एकादश स्थान में कालसर्प योग हो तो पीले धागे में दशमुखी, त्रिमुखी, चारमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

यदि बारहवें स्थान पर कालसर्प योग हो तो शनिवार की शाम सातमुखी, आठमुखी और नवमुखी रुद्राक्ष को काले धागे में बांधकर गले में धारण करना चाहिए।

फिर कालसर्प दोष शांति पूजा के बाद इस रुद्राक्ष को पहनने से कालसर्प योग वाले व्यक्ति के जीवन में कालसर्प योग का प्रभाव कम हो जाएगा। इस दोष वाले लोगों को अत्यधिक मानसिक शांति और खुशी का अनुभव होगा।   

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