वास्तु शास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा पर आधारित है। वास्तु के अनुसार घर बनाने से घर किसी भी प्रकार की बाधाओं से मुक्त रहता है। घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए वास्तु शास्त्र के नियम बहुत कारगर माने जाते हैं। सकारात्मक ऊर्जा घर में सुख-समृद्धि लाती है जबकि नकारात्मक ऊर्जा जीवन में कई परेशानियां लाती है। कई बार सब कुछ सही करने के बाद भी बार-बार असफलता का सामना करना पड़ता है। वास्तु के अनुसार व्यक्ति की कुछ आदतें ही उसकी प्रगति में बाधक होती हैं, जिसके कारण घर में हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती है। आइए जानें वास्तु के अनुसार किन आदतों से तुरंत बचना चाहिए।
अत: इससे प्रगति में बाधा आती है
कई लोग सोफे पर बैठकर खाना खाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिस्तर पर बैठकर भोजन करने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं, साथ ही घर की शांति और सद्भाव भी भंग होता है। यहां तक कि सोफे पर बैठकर खाना खाने से भी परिवार के सदस्यों पर कर्ज बढ़ता है।
रात के खाने के बाद, कई लोग रसोई को गंदा और सिंक में बर्तन छोड़ कर सो जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार रात के समय गलत बर्तन छोड़ने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं। व्यक्ति को आर्थिक तनाव के साथ-साथ मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य दरवाजे पर कभी भी कूड़ादान नहीं रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि देवी-देवता मुख्य द्वार से घर में प्रवेश करते हैं, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। ऐसे में मुख्य द्वार पर कूड़ादान रखने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
दान-दक्षिणा से पुण्य बढ़ता है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद दूध, दही, प्याज, नमक जैसी चीजों का दान नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि शाम के समय इन वस्तुओं का दान करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और घर में दरिद्रता आती है।
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