Holashtak Kab Se Hai 2025 : सनातन धर्म में होलाष्टक को अत्यंत अशुभ माना गया है। इस दौरान किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य को करने की सख्त मनाही होती है। होलाष्टक, होली से ठीक आठ दिन पहले शुरू होता है और फाल्गुन पूर्णिमा के दिन, यानी होलिका दहन पर समाप्त होता है। इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक प्रभावी होती है, जिससे जीवन में कई कठिनाइयाँ आ सकती हैं। आइए जानते हैं कि होलाष्टक क्यों अशुभ माना जाता है और इस दौरान कौन-कौन से कार्य वर्जित होते हैं।
क्यों डरावना काल है होलाष्टक?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के आठ दिन बहुत अशुभ और भयावह माने जाते हैं। इसका मुख्य कारण ग्रहों की स्थिति होती है, क्योंकि इस दौरान सभी प्रमुख ग्रह उग्र स्वभाव में होते हैं। जब ग्रह उग्र होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक परिवर्तन अधिक आते हैं।
इस समय कई लोगों को मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएँ, आर्थिक हानि और पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ता है। शुभ कार्यों में बाधाएँ आती हैं और संघर्षों का दौर बढ़ जाता है। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से उसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे व्यक्ति को असफलता हाथ लग सकती है।
होलाष्टक में 9 ग्रह क्यों होते हैं उग्र?
होलाष्टक के आठ दिनों में हर दिन एक ग्रह उग्र अवस्था में रहता है, जिससे पूरे ब्रह्मांड में नकारात्मक ऊर्जा हावी हो जाती है। इन ग्रहों की स्थिति इस प्रकार होती है:
| होलाष्टक का दिन | उग्र ग्रह |
|---|---|
| अष्टमी | चंद्रमा |
| नवमी | सूर्य |
| दशमी | शनि |
| एकादशी | शुक्र |
| द्वादशी | गुरु |
| त्रयोदशी | बुध |
| चतुर्दशी | मंगल |
| पूर्णिमा | राहु |
ग्रहों की यह उग्रता व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। यही कारण है कि इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
होलाष्टक में कौन-कौन से कार्य वर्जित हैं?
1. शुभ कार्यों पर रोक
होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते, क्योंकि ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इनमें शामिल हैं:
विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार, मुंडन संस्कार, उपनयन संस्कार
इन अनुष्ठानों को इस दौरान करने से नकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना अधिक होती है।
2. नई संपत्ति की खरीदारी नहीं करें
होलाष्टक के दौरान नए घर, गहने, वाहन या कोई भी चल-अचल संपत्ति खरीदने से बचना चाहिए। इस समय मकान निर्माण शुरू करना भी वर्जित माना जाता है।
3. हवन और यज्ञ पर रोक
होलाष्टक की अवधि में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान, हवन या यज्ञ करना निषेध होता है। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार नहीं होता, बल्कि नकारात्मक शक्तियाँ प्रभावी हो सकती हैं।
4. नौकरी से जुड़े कार्य
होलाष्टक के दौरान नई नौकरी ज्वाइन करना या पुरानी नौकरी छोड़ना उचित नहीं माना जाता। इस समय किसी नई व्यापारिक योजना को भी शुरू करने से बचना चाहिए।
Read More: मई 2025 व्रत-त्योहार कैलेंडर: बुद्ध पूर्णिमा से शनि जयंती तक, जानिए तिथियां, महत्व और पूजा मुहूर्त"
Brijendra
Share



