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प्रयागराज महाकुंभ 2025 में एक बार फिर आग लगने की घटना सामने आई। गुरुवार, 30 जनवरी को सेक्टर 22 में भीषण आग लग गई, जिससे कई टेंट जलकर राख हो गए। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।

फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। यह घटना मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के ठीक एक दिन बाद हुई, जिसने पहले ही प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए थे।

कैसे लगी आग? सेक्टर 22 के नागेश्वर पंडाल में मची अफरा-तफरी

सेक्टर 22 में झूसी इलाके के चटनांग घाट के पास स्थित नागेश्वर पंडाल में अचानक आग लग गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,

"आग इतनी भयंकर थी कि उसकी लपटें दूर से ही दिखाई दे रही थीं।"

सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

 नुकसान का अनुमान:
 लाखों रुपये की संपत्ति जलकर राख
 15 से ज्यादा टेंट प्रभावित हुए
 पंडाल में रखा सारा सामान नष्ट हो गया

हालांकि, कोई हताहत नहीं हुआ, क्योंकि आग लगते ही वहां मौजूद लोग सुरक्षित बाहर निकल गए।

पुलिस का बयान: टेंट अवैध रूप से लगाए गए थे

 मेला पुलिस अधिकारी सीओ प्रमोद शर्मा ने कहा कि यहां अवैध तरीके से टेंट लगाए गए थे।
 एसडीएम ने भी इस बात की पुष्टि की कि यह क्षेत्र चमनगंज चौकी के अंतर्गत आता है, और अब स्थानीय पुलिस जांच करेगी कि ये टेंट किसने और कैसे लगाए थे।

"हमारे पास सूचना आई थी कि एक तंबू में आग लगी है। जब हम मौके पर पहुंचे, तो पाया कि करीब 15 टेंट प्रभावित हुए हैं। फायर ब्रिगेड ने तुरंत कार्रवाई की और आग पर काबू पा लिया।" - एक पुलिस अधिकारी

महाकुंभ में आग की यह पहली घटना नहीं!

इससे पहले भी 19 जनवरी को महाकुंभ में आग लगने की एक और बड़ी घटना हुई थी।

 19 जनवरी की घटना:
 सेक्टर 19, शास्त्री ब्रिज के पास गीता प्रेस कैंप में भीषण आग लगी।
 180 से ज्यादा कॉटेज जलकर राख हो गए।
 आग गीता प्रेस की रसोई में गैस लीक होने के कारण लगी।
 दो गैस सिलेंडर फटने के बावजूद कोई हताहत नहीं हुआ।

लगातार हो रही आग की घटनाओं ने महाकुंभ प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

 30 जनवरी को आग लगने की यह घटना मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के एक दिन बाद हुई, जिसमें 30 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
 लगातार हो रही आग की घटनाओं से सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशासन सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है?
 क्या महाकुंभ मेले में इतनी बड़ी संख्या में टेंट लगाने से पहले उचित सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया?