साल 2024 की विदाई और नए साल 2025 का स्वागत अब बस कुछ ही दिन दूर हैं। उस समय कई बड़े ग्रह अपनी राशि बदलेंगे. इसमें जहां कर्मफल दाता शनि भी राशि परिवर्तन करेंगे। वहां वक्री बृहस्पति और नीचस्थ मंगल का प्रभाव देखने को मिलेगा। इन दोनों ग्रहों का प्रभाव 2024 से ही शुरू हो गया है। इसमें कुरूप मंगल कर्क राशि में होगा, हालांकि 21 जनवरी तक तीव्र प्रभाव में रहेगा। नए साल की शुरुआत में कुछ राशियों पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ेगा। इन ग्रहों की बदलती स्थिति का किस राशि पर पड़ेगा असर? कुरूप मंगल क्या है? बृहस्पति कब तक रहेगा वक्री? वर्ष 2025 में कुरूप मंगल कब पीड़ित होगा? गाजियाबाद के ज्योतिषी राकेश चतुर्वेदी ने न्यूज18 को इस बात की जानकारी दी...
बृहस्पति कब तक रहेगा वक्री?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति 9 अक्टूबर 2024 से वृषभ राशि में वक्री हो रहे हैं। जो 4 फरवरी 2025 तक इस पद पर बने रहेंगे. वैदिक ज्योतिष में धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति को एक शुभ ग्रह माना जाता है और इसे देवी-देवताओं के स्वामी का दर्जा भी प्राप्त है। यदि कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत है, तो व्यक्ति को सुख, प्रसिद्धि, धन, सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है, जब कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अनुकूल नहीं होती है, तो व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कुरूप मंगल का क्या प्रभाव पड़ेगा?
20 अक्टूबर से 21 जनवरी तक नीच का मंगल कर्क राशि में रहेगा। इसके बाद 21 जनवरी को वक्री होगी और 25 फरवरी को मिथुन राशि में प्रवेश करेगी। आपको बता दें कि नीच का मंगल जब कर्क राशि में होता है तो इसका प्रभाव बहुत प्रबल होता है। इसके बाद 3 अप्रैल 2025 को कर्क राशि में प्रवेश करेगा, जो 7 जून तक रहेगा। कुछ लोगों के लिए यह अशुभ साबित हो सकता है।
बृहस्पति के वक्री होने पर क्या होगा असर?
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह अशुभ और शुभ फल देता है। ज्योतिषियों के अनुसार कुंडली में बृहस्पति की वक्र स्थिति व्यक्ति को किसी न किसी रूप में अधिक प्रभावित करती है। बृहस्पति का विपरीत दिशा में चलना व्यक्ति के लिए अच्छा नहीं होता है। इससे व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सावधान रहना जरूरी हो जाता है.
यदि कोई अशुभ ग्रह वक्री हो तो क्या प्रभाव पड़ेगा?
ज्योतिषियों के अनुसार जब कोई ग्रह अशुभ राशि में वक्री होता है तो वह अपनी उच्च राशि में स्थित होने का फल देता है। इसी प्रकार यदि नवांश में कोई उच्च ग्रह अशुभ राशि में हो तो वह नकारात्मक परिणाम देगा।
नए साल की शुरुआत में इस राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ेंगी
ज्योतिषाचार्य राकेश चतुर्वेदी के अनुसार जब बृहस्पति वक्री हो और मंगल नीच का हो तो यह वृष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि के लिए अशुभ संकेत होता है। ऐसे में इस राशि के लोगों को आर्थिक परेशानी, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, पद और सम्मान की हानि का सामना करना पड़ सकता है और दुर्घटना भी हो सकती है।
--Advertisement--