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लुधियाना की एक अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह कार्रवाई तब हुई जब वे 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी के एक मामले में गवाही देने के लिए अदालत में पेश नहीं हुए। कई बार समन भेजे जाने के बावजूद उनकी अनुपस्थिति के कारण न्यायिक मजिस्ट्रेट रमनप्रीत कौर ने यह वारंट जारी किया।

सोनू सूद पर आरोप क्या हैं?

मामला एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग कंपनी से जुड़ा है, जिसके ब्रांड एंबेसडर सोनू सूद थे। इस कंपनी पर धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। हालाँकि, सोनू सूद ने इस मामले में अपनी सफाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा:

"इस मामले में हमारा कोई सीधा संबंध नहीं है। हमें अदालत ने केवल एक गवाह के रूप में बुलाया है। मीडिया इसे सनसनीखेज बना रही है।"

उन्होंने आगे कहा कि उनके वकील इस मामले को देख रहे हैं और 10 फरवरी को वे इस पर आधिकारिक बयान जारी करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

लुधियाना के वकील राजेश खन्ना ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। चूँकि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद मामले की सुनवाई शुरू हुई।

शिकायत के अनुसार:

  • आरोपी रिकीजा कॉइन नामक कंपनी के ज़रिए मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) का कारोबार चला रहा था।
  • नवंबर 2021 में आरोपी लुधियाना आए और होटल रेडिसन ब्लू में निवेशकों को लुभाने के लिए एक बैठक आयोजित की।
  • राजेश खन्ना से 8,000 रुपये का निवेश करने को कहा और दावा किया कि 10 महीने में यह रकम तीन गुना हो जाएगी।
  • इसके बाद, आरोपी ने 12,500 डॉलर (लगभग 10 लाख रुपये) निवेश करवाए, लेकिन बाद में पैसे लौटाने से इनकार कर दिया।
  • जब राजेश ने कई बार पैसा वापस माँगा तो आरोपी बचते रहे। बाद में, यह भी पता चला कि उन्होंने कई अन्य लोगों से इसी तरह धोखाधड़ी की है।

सोनू सूद की गैर-मौजूदगी पर कोर्ट सख्त

शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर अदालत ने सोनू सूद को गवाही देने के लिए बुलाया, लेकिन वे कई बार अनुपस्थित रहे। इसके चलते मुंबई के ओशिवारा पुलिस स्टेशन को निर्देश दिया गया है कि वे अभिनेता को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करें।

अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी।