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Horror Movies On OTT : हॉरर फिल्मों की दुनिया विशाल और रहस्यमयी है। कभी-कभी कुछ कहानियाँ इतनी अजीब और डरावनी होती हैं कि वे आपके रोंगटे खड़े कर देती हैं। ये फिल्में केवल डर नहीं पैदा करतीं, बल्कि आपके मन में सवाल भी छोड़ जाती हैं—“क्या ऐसा वाकई हो सकता है?” अगर आप उन दर्शकों में से हैं जो पारंपरिक डर से आगे कुछ नया और अनोखा तलाश रहे हैं, तो ये फिल्में खास आपके लिए हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसी हॉरर फिल्मों के बारे में जो Amazon Prime Video पर स्ट्रीम हो रही हैं और जिनका कथानक बेहद अनोखा और चौंकाने वाला है।

1. दांत (Teeth)

ये फिल्म एक ऐसी लड़की की कहानी है जो अपने शरीर के अंदर छिपे खौफनाक रहस्य से जूझ रही है। 'दांत' की मुख्य किरदार डॉन को शुरू में बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं होता कि वह कुछ ऐसा लेकर पैदा हुई है जो दुनिया के लिए डरावना और खतरनाक हो सकता है। उसकी योनि में दांत हैं—एक ऐसा खतरनाक सच जो उसे तब पता चलता है जब वह पहली बार अंतरंगता के दौरान असहनीय दर्द से गुजरती है।

कहानी धीरे-धीरे एक गहरे मनोवैज्ञानिक डर में बदल जाती है, जहां यह केवल एक शारीरिक रहस्य नहीं बल्कि स्त्री शरीर, समाज की सोच और लैंगिक हिंसा पर सवाल भी उठाती है। यह फिल्म एक अनोखा मिक्स है डर, रहस्य और प्रतीकात्मकता का। यह आपको न सिर्फ चौंकाएगी बल्कि सोचने पर भी मजबूर कर देगी कि समाज में महिलाओं के शरीर को लेकर कैसी धारणा बनाई जाती है।

2. टस्क (Tusk)

'टस्क' को देखने के बाद शायद ही कोई व्यक्ति उसे आसानी से भूल पाएगा। यह फिल्म डर और हास्य का अजीब मेल है। कहानी है वालेस ब्राइटन नाम के एक पॉडकास्टर की, जो अपने करियर के लिए हर हद तक जाने को तैयार है। वह एक रहस्यमय आदमी, हॉवर्ड होवे का इंटरव्यू लेने कनाडा चला जाता है। लेकिन जो शुरू में एक आम बातचीत लगती है, वह धीरे-धीरे एक साइकोलॉजिकल हॉरर में बदल जाती है।

हॉवर्ड का अतीत अजीब और डरावना है—एक समय एक वालरस ने उसकी जान बचाई थी, और अब वह इंसानों को वालरस में बदलने की सनक पाल बैठा है। वालेस को किडनैप कर वो उसके शरीर और आत्मा को बदलने की कोशिश करता है। फिल्म में ग्राफिक सीन और मानसिक टॉर्चर इतने सशक्त हैं कि हँसी भी आती है और डर भी लगता है। ‘टस्क’ एक ऐसी हॉरर फिल्म है जो अपने अजीबपन से आपको पूरी तरह बांध लेती है।

3. स्वैलो (Swallow)

'स्वैलो' एक घरेलू लेकिन डरावनी सच्चाई को उजागर करती है। यह कहानी है हंटर नाम की महिला की, जो बाहर से खुशहाल जिंदगी जी रही होती है—एक अमीर पति, शानदार घर, और एक आरामदायक जीवन। लेकिन इस परफेक्ट दिखने वाली दुनिया के पीछे छिपा होता है एक गहरा मानसिक संघर्ष।

हंटर पिका नाम की बीमारी से ग्रस्त है, जिसमें वह ऐसी चीजें निगलने लगती है जो खाना नहीं होतीं—पिन, मेटल बॉल, मिट्टी तक। यह बीमारी उसके भीतर दबे हुए मानसिक दबाव, अकेलेपन और नियंत्रण की कमी की अभिव्यक्ति है। यह फिल्म एकदम धीमी गति से आगे बढ़ती है लेकिन हर फ्रेम में एक असहज और डरावना अहसास लिए रहती है। ये फिल्म हॉरर के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य और महिलाओं के आत्म-निर्णय के मुद्दे को भी उठाती है।

4. टाइटन (Titane)

अगर आप पारंपरिक सोच से हटकर कुछ देखना चाहते हैं, तो 'टाइटन' आपके लिए है। इस फिल्म को देखना एक रोलर कोस्टर राइड की तरह है—असहज, अजीब, लेकिन हटना भी मुश्किल। कहानी है एलेक्सिया की, जो एक दुर्घटना के बाद अपने सिर में टाइटेनियम प्लेट लगवाती है। लेकिन असल ड्रामा तब शुरू होता है जब वह कार के साथ यौन संबंध बनाकर गर्भवती हो जाती है।

जी हाँ, आपने सही पढ़ा। फिल्म यहीं से एक बॉडी-हॉरर की शक्ल ले लेती है जहां एलेक्सिया का शरीर अजीब बदलावों से गुजरता है। पुलिस से बचने के लिए वह एक लापता लड़के की पहचान तक अपना लेती है। यह फिल्म शरीर, पहचान और लैंगिकता पर एक बेहद बोल्ड और डार्क नजर डालती है। हर सीन में असहजता है, लेकिन इसी में इसकी खूबसूरती है।

5. वीडियोड्रोम (Videodrome)

'वीडियोड्रोम' एक साइकॉलॉजिकल हॉरर का मास्टरपीस है, जिसे डेविड क्रोनेंबर्ग ने निर्देशित किया है। फिल्म में मैक्स रेन नामक एक केबल टीवी स्टेशन का मालिक है, जो दर्शकों की भूख को शांत करने के लिए कुछ नया और सनसनीखेज कंटेंट खोज रहा होता है। उसे 'वीडियोड्रोम' नामक एक रहस्यमय टेलीविजन सिग्नल का पता चलता है, जिसमें अत्यधिक हिंसा और यातना दिखाई जाती है।

शुरुआत में मैक्स सोचता है कि यह बस एक शो है, लेकिन जल्द ही उसे समझ आता है कि यह सिग्नल न केवल मनोवैज्ञानिक असर डालता है, बल्कि असलियत को भी बदल देता है। शरीर और मस्तिष्क के बदलाव, भ्रम और सच्चाई की लकीरें इस फिल्म में पूरी तरह धुंधला जाती हैं। ‘वीडियोड्रोम’ हॉरर को एक नए स्तर पर ले जाती है—जहां डर सिर्फ बाहर नहीं बल्कि अंदर भी होता है।


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