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इन दिनों देशभर में शादी का सीजन जोरों पर है, लेकिन इसके साथ ही सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। व्यापारियों का कहना है कि इस समय आभूषणों की कीमतें अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं, जिससे आम लोगों के लिए शादी-ब्याह के गहने खरीदना मुश्किल हो गया है।
बढ़ती कीमतों का असर सर्राफा कारोबार पर भी साफ दिख रहा है। जहां शादी के मौके पर सोना-चांदी खरीदना एक परंपरा रही है, वहीं अब लोग हल्के और छोटे आभूषण खरीदकर अपने रीति-रिवाज निभाने की कोशिश कर रहे हैं।
सोने और चांदी के दाम रिकॉर्ड स्तर पर
एबीपी न्यूज से बात करते हुए बुलियन एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनिकेश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अपने पूरे व्यवसायिक जीवन में सोने-चांदी की कीमतों में इतनी तेजी पहले कभी नहीं देखी।
- सोने की कीमत: ₹87,000 प्रति 10 ग्राम (1 ग्राम = ₹8,700)
- चांदी की कीमत: ₹96,000 प्रति किलोग्राम
इतनी ऊंची कीमतों के कारण सोने-चांदी के आभूषण खरीदना बहुत महंगा हो गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका में नई सरकार के गठन और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आए बदलाव का सीधा असर कीमती धातुओं की कीमतों पर पड़ा है। निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के कारण सोना और चांदी लगातार महंगे होते जा रहे हैं।
महंगाई के बीच भी लोग निभा रहे हैं परंपराएं
भारत में शादी और त्योहारों पर सोना-चांदी खरीदने की पुरानी परंपरा है। खासतौर पर शादी के मौके पर दूल्हा-दुल्हन को सोने और चांदी के आभूषण उपहार में देना शुभ माना जाता है।
हालांकि, इस बार सर्राफा बाजार में वह रौनक नजर नहीं आ रही, जिसकी शादी के सीजन में आमतौर पर उम्मीद की जाती है।
- लोग भारी गहनों की जगह हल्के आभूषण खरीद रहे हैं, जैसे:
झुमके
पायल
अंगूठी
हल्की चेन
व्यापारियों का कहना है कि लोग जरूरी रीति-रिवाज पूरे करने के लिए छोटे और कम वजन वाले गहनों की खरीदारी कर रहे हैं।
बढ़ती कीमतों का असर बाजार पर
शादी का सीजन और त्योहार सर्राफा कारोबार के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। लेकिन इस बार कीमतें इतनी ज्यादा बढ़ चुकी हैं कि ग्राहक बड़े आभूषणों की खरीदारी करने से कतरा रहे हैं।
बाजार में कम भीड़ और बिक्री में गिरावट देखी जा रही है।
ज्यादातर ग्राहक हल्के-फुल्के आभूषण ही खरीद रहे हैं।
ज्यादा खर्च करने की क्षमता रखने वाले ग्राहक भी सोने-चांदी की ऊंची कीमतों से प्रभावित हैं।
सोने और चांदी की कीमतें कब तक स्थिर होंगी, इस पर विशेषज्ञ अभी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। लेकिन अगर कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं, तो आने वाले महीनों में सर्राफा बाजार को और ज्यादा नुकसान हो सकता है।