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Gas Cylinder : एक समय था जब भारतीय घरों में मिट्टी के चूल्हों पर लकड़ी जलाकर खाना पकाया जाता था। लेकिन आधुनिक तकनीक और सुविधाओं के बढ़ने के साथ, अब लगभग हर घर में गैस सिलेंडर का उपयोग करके गैस स्टोव पर भोजन पकाया जाता है। इससे खाना बनाना न केवल आसान हुआ है बल्कि समय की भी बचत होती है।

गैस सिलेंडर का बढ़ता उपयोग और सरकारी प्रयास

भारत सरकार ने गैस सिलेंडर को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। खासतौर पर उज्ज्वला योजना, जिसके तहत गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान किया जाता है। इस योजना का लाभ अब तक करोड़ों परिवारों तक पहुंच चुका है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ ईंधन का उपयोग बढ़ा है।

क्या है गैस सिलेंडर की वार्षिक सीमा?

आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि सरकार ने प्रति गैस कनेक्शन पर सिलेंडरों की एक निश्चित सीमा तय कर रखी है। एक वर्ष में अधिकतम 12 गैस सिलेंडर सब्सिडी दर पर दिए जाते हैं। अगर उपभोक्ता को अधिक सिलेंडर की आवश्यकता होती है, तो अतिरिक्त 3 सिलेंडर तक की अनुमति दी गई है, लेकिन वे बिना सब्सिडी के मिलेंगे। यानी, इन्हें बाजार दर पर खरीदना होगा।

कितने सिलेंडर ले सकते हैं?

  1. प्रति वर्ष 12 सिलेंडर सब्सिडी के तहत मिलते हैं।
  2. अतिरिक्त आवश्यकता होने पर 3 और सिलेंडर लिए जा सकते हैं, लेकिन वे बिना सब्सिडी के होंगे।
  3. कुल 15 सिलेंडर सालभर में लिए जा सकते हैं, लेकिन उसके बाद और सिलेंडर नहीं मिलेंगे।
  4. प्रति माह अधिकतम 2 सिलेंडर ही लिए जा सकते हैं।

अपना सिलेंडर उपयोग ऑनलाइन कैसे जांचें?

यदि आप जानना चाहते हैं कि आपने अब तक कितने गैस सिलेंडर उपयोग किए हैं, तो सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध कराया है। आप https://pmuy.gov.in/mylpg.html पर जाकर अपनी LPG आईडी डालकर सिलेंडर उपयोग की स्थिति देख सकते हैं।

सरकार के ये नियम और योजनाएं आम जनता को सुविधाजनक और सस्ती रसोई गैस उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। अगर आप उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन लेना चाहते हैं या अपने सिलेंडर की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।