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Mahakumbh 2025 Last Shahi Snan: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी, और 26 फरवरी 2025 को इसका समापन कुंभ स्नान पर्व के साथ होगा। इस पवित्र आयोजन के दौरान करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं।
महाकुंभ में अमृत स्नान और शाही स्नान का विशेष महत्व होता है। 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी पर अंतिम अमृत स्नान संपन्न हुआ था। अब माघी पूर्णिमा के बाद केवल एक अंतिम शाही स्नान बचा है। आइए जानते हैं कि यह आखिरी शाही स्नान कब होगा और इसकी विशेषताएं क्या हैं।
आखिरी शाही स्नान कब होगा?
महाकुंभ में विशेष तिथियों पर पड़ने वाले स्नान को शाही स्नान कहा जाता है। इस बार कुंभ में पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण शाही स्नान हो चुके हैं। अब महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान महाशिवरात्रि के दिन होगा, जो 26 फरवरी 2025 को है।
यह दिन हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है, और इस दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करने से श्रद्धालुओं को अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।
26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर अंतिम शाही स्नान का महत्व
इस वर्ष 26 फरवरी को त्रिवेणी संगम में अंतिम शाही स्नान का विशेष योग बन रहा है। इस दिन सूर्य, चंद्रमा और शनि का त्रिग्रही योग बन रहा है, जिसे सफलता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
इसके अतिरिक्त, 26 फरवरी को शिव योग और सिद्धि योग भी रहेगा। इन शुभ संयोगों के कारण इस दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को विशेष पुण्य फल प्राप्त होगा और उनके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।
अगर आप प्रयागराज नहीं पहुंच सकते तो क्या करें?
यदि किसी कारणवश आप महाशिवरात्रि पर प्रयागराज नहीं जा सकते, तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। घर पर ही कुछ विशेष नियमों का पालन कर आप शाही स्नान के समान पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं:
- स्नान के लिए गंगाजल का उपयोग करें – यदि संभव हो तो गंगा जल से स्नान करें या स्नान के पानी में गंगाजल मिलाएं।
- भगवान शिव की पूजा करें – रुद्राभिषेक करें और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
- दान-पुण्य करें – जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान करें।
- शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें – यह विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
- सात्विक आहार ग्रहण करें – इस दिन उपवास रखें या फलाहार करें।
इन नियमों का पालन करने से आपको भी महाकुंभ के शाही स्नान के समान पुण्य लाभ प्राप्त हो सकता है।