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Chandra Grahan 2025: साल 2025 में कुल चार ग्रहण लगने जा रहे हैं, जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व होता है। इस दौरान शुभ कार्यों और पूजा-पाठ से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ग्रहण काल में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।
इस लेख में हम 2025 में होने वाले चंद्र ग्रहणों की तिथियों, समय, भारत पर उनके प्रभाव और ज्योतिषीय दृष्टि से उनके महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
साल 2025 में कितने चंद्र ग्रहण होंगे?
2025 में दो चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं:
- पहला चंद्र ग्रहण: 14 मार्च 2025 (पूर्ण चंद्र ग्रहण)
- दूसरा चंद्र ग्रहण: 7 सितंबर 2025 (आंशिक चंद्र ग्रहण)
पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में देखा जा सकेगा और इसका सूतक काल मान्य होगा।
होली पर चंद्र ग्रहण: क्या होगा प्रभाव?
होली से जुड़ा पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को होगा। हालांकि, यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका धार्मिक या ज्योतिषीय प्रभाव भारतवासियों पर नहीं पड़ेगा।
ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार):
- उपछाया ग्रहण प्रारंभ: सुबह 9:27 बजे
- आंशिक ग्रहण प्रारंभ: सुबह 10:41 बजे
- पूर्ण चंद्र ग्रहण प्रारंभ: सुबह 11:56 बजे
- अधिकतम ग्रहण: दोपहर 12:28 बजे
- पूर्ण चंद्र ग्रहण समाप्त: दोपहर 1:01 बजे
- आंशिक चंद्र ग्रहण समाप्त: दोपहर 2:18 बजे
- उपछाया ग्रहण समाप्त: शाम 3:30 बजे
विशेष बात: यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक और आर्कटिक महासागर क्षेत्रों में दिखाई देगा, लेकिन भारत में नहीं।
7 सितंबर 2025: दूसरा चंद्र ग्रहण
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को होगा, जो भारत में दिखाई देगा। यह ग्रहण पितृ पक्ष की शुरुआत में लगेगा, इसलिए इसका धार्मिक प्रभाव अधिक रहेगा।
ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार):
- ग्रहण प्रारंभ: रात 8:00 बजे
- अधिकतम ग्रहण: रात 9:45 बजे
- ग्रहण समाप्त: रात 11:30 बजे
भारत में ग्रहण का प्रभाव:
- यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल मान्य होगा।
- धार्मिक कार्य और शुभ कार्य इस अवधि में वर्जित होंगे।
- ज्योतिषीय रूप से इस ग्रहण का प्रभाव विभिन्न राशियों पर पड़ेगा।
ग्रहण के समय ग्रहों की स्थिति और ज्योतिषीय प्रभाव
ग्रहण के दौरान ग्रहों की स्थिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस दौरान ग्रहों का संयोग कुछ राशियों के लिए शुभ रहेगा, जबकि कुछ को सावधान रहने की जरूरत होगी।
14 मार्च 2025 (पहला चंद्र ग्रहण) के दौरान ग्रहों की स्थिति:
- चंद्रमा सिंह राशि में रहेगा।
- सूर्य और शनि चंद्रमा के सप्तम भाव में रहेंगे।
- राहु, बुध और शुक्र चंद्रमा के अष्टम भाव में स्थित होंगे।
- बृहस्पति चंद्रमा के दशम भाव में रहेगा।
- मंगल एकादश भाव में स्थित होगा।
7 सितंबर 2025 (दूसरा चंद्र ग्रहण) के दौरान ग्रहों की स्थिति:
- चंद्रमा मीन राशि में रहेगा।
- सूर्य कन्या राशि में होगा।
- शनि कुंभ राशि में वक्री अवस्था में रहेगा।
- राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में स्थित होगा।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इन ग्रहों की स्थिति कुछ राशियों पर गहरा प्रभाव डालेगी, खासकर सिंह, मीन, कन्या और मेष राशि वालों को सावधानी बरतनी चाहिए।
ग्रहण के संभावित प्रभाव: क्या होगा देश-दुनिया पर असर?
1. प्राकृतिक आपदाओं की संभावना
- भूकंप, बाढ़, सुनामी जैसी आपदाओं की संभावना।
- वायुमंडलीय अस्थिरता बढ़ सकती है।
2. वैश्विक राजनीति और आर्थिक प्रभाव
- राजनीतिक अस्थिरता देखने को मिल सकती है।
- सरकारों में बदलाव की संभावनाएं बढ़ेंगी।
- स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।
3. स्वास्थ्य और महामारी
- मौसम परिवर्तन के कारण बीमारियों में वृद्धि हो सकती है।
- मानसिक तनाव और अनिद्रा की समस्या बढ़ सकती है।
4. भारत में संभावित प्रभाव
- राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल हो सकती है।
- व्यापार और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
- किसानों और कृषि क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा।
ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?
ग्रहण के दौरान करने योग्य कार्य:
मंत्र जप और ध्यान करें।
घर के मंदिर में तुलसी के पौधे को छूने से बचें।
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और शुद्ध जल का छिड़काव करें।
भगवान शिव और विष्णु की पूजा करें।
ग्रहण के दौरान नहीं करने योग्य कार्य:
भोजन और जल ग्रहण न करें।
नकारात्मक विचारों से बचें।
यात्रा करने से बचें।
गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।