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Gold price hike 2025: सोने और चांदी की कीमतों में एक बार फिर जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। बीते 49 दिनों में सोने की कीमत में ₹9,500 से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वहीं चांदी भी इसी राह पर चलते हुए नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रही है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी अभी थमने वाली नहीं है और दिवाली तक सोने-चांदी के दाम नए रिकॉर्ड बना सकते हैं।
49 दिनों में ₹9,500 की भारी बढ़ोतरी
पिछले कुछ वर्षों से सोने के दाम में लगातार तेजी देखी जा रही है, लेकिन इस साल की तेजी खासतौर पर निवेशकों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। महज 49 दिनों में सोना ₹76,544 से बढ़कर ₹86,020 प्रति 10 ग्राम हो गया है। यह ₹9,506 प्रति 10 ग्राम की अप्रत्याशित बढ़ोतरी है।
एमसीएक्स (MCX) पर सोना शुक्रवार को ₹86,020 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ, जो साप्ताहिक रूप से 1.57% की बढ़त को दर्शाता है। इस वृद्धि के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारण छिपे हैं, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और वैश्विक व्यापार युद्ध की संभावनाएं शामिल हैं।
सोने की तेजी जारी रहेगी? विशेषज्ञों की राय
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी प्रमुख अनुज गुप्ता के अनुसार, भू-राजनीतिक अस्थिरता, मुद्रास्फीति (Inflation) और रुपये के अवमूल्यन (Depreciation) के चलते सोने में तेजी बनी रह सकती है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना $2,900 प्रति औंस के स्तर की ओर बढ़ सकता है, जिसमें $2,845 और $2,826 प्रति औंस पर मजबूत समर्थन देखने को मिल सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि अल्पावधि में भले ही हल्का उतार-चढ़ाव देखने को मिले, लेकिन दीर्घावधि में सोना तेजी के रुख को बनाए रखेगा। उनकी भविष्यवाणी के अनुसार, धनतेरस और दिवाली तक सोना ₹87,000 प्रति 10 ग्राम का नया रिकॉर्ड बना सकता है, और अगर ऐसा हुआ तो भारतीय बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹90,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।
चांदी भी पीछे नहीं, ₹1 लाख पार करने की संभावना
सोने की तरह चांदी भी जबरदस्त तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। सेमको सिक्योरिटीज के अनुसार, अगले 12 महीनों में चांदी ₹1,17,000 प्रति किलोग्राम के स्तर को छू सकती है। दिसंबर 2022 से अब तक चांदी की कीमतों में 41% की बढ़ोतरी देखी गई है, और यह तेजी अभी और बढ़ सकती है।
हालांकि, शुक्रवार को एमसीएक्स पर अप्रैल वायदा चांदी ₹222 गिरकर ₹96,891 प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह जल्द ही ₹1 लाख का आंकड़ा पार कर सकती है।
डॉलर इंडेक्स में कमजोरी: चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, डॉलर इंडेक्स (DXY) में आई कमजोरी भी चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी का एक प्रमुख कारण है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो निवेशकों को उतनी ही मात्रा में चांदी खरीदने के लिए अधिक डॉलर खर्च करने पड़ते हैं, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं।
इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर पैनलों जैसे क्षेत्रों में चांदी की औद्योगिक मांग लगातार बढ़ रही है। चांदी का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में होने के कारण, इसकी मांग में इजाफा हो रहा है, जो कीमतों को और ऊपर ले जा सकता है।
निवेशकों के लिए सुनहरा मौका?
सोने और चांदी की कीमतों में तेजी को देखते हुए, निवेशक इन दोनों धातुओं में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। अगर आप दीर्घकालिक निवेश की योजना बना रहे हैं, तो विशेषज्ञों की राय के अनुसार सोना और चांदी दोनों ही सुरक्षित निवेश साबित हो सकते हैं। हालांकि, निवेश से पहले बाज़ार की परिस्थितियों का अच्छे से विश्लेषण करना जरूरी है।
क्या सोने की कीमत दिवाली तक ₹90,000 के स्तर को पार कर सकती है? क्या चांदी ₹1,17,000 तक पहुंच पाएगी? ये सवाल निवेशकों के लिए दिलचस्प बने हुए हैं। आने वाले दिनों में वैश्विक घटनाक्रम इन धातुओं की कीमतों को किस दिशा में ले जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।