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Stock Market : बुधवार को घरेलू शेयर बाजार लगातार छठे दिन गिरावट के साथ खुला। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख कंपनियों जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में गिरावट आई, जिससे बाजार पर दबाव बना रहा।
अमेरिका द्वारा आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने और कॉर्पोरेट मुनाफे में कमी की चिंताओं के चलते बाजार की धारणा प्रभावित हुई। सुबह 10 बजे, बीएसई सेंसेक्स 837.83 अंक या 1.10% की गिरावट के साथ 75,455.77 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 241.50 अंक या 1.05% गिरकर 22,830.30 पर बंद हुआ।
इस गिरावट के कारण बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 6.5 लाख करोड़ रुपये घटकर 402.02 लाख करोड़ रुपये रह गया।
कौन-कौन से शेयर रहे नुकसान में?
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से कई प्रमुख कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ा। इनमें शामिल हैं:
आईटीसी
महिंद्रा एंड महिंद्रा
रिलायंस इंडस्ट्रीज
एक्सिस बैंक
जोमैटो
इन शेयरों में 1.5% से 2.3% तक की गिरावट आई। इसके अलावा, एशियन पेंट्स, इंडसइंड बैंक और टाइटन के शेयर भी लाल निशान में खुले।
किन सेक्टर्स में आई गिरावट?
निफ्टी बैंक, ऑटो, एफएमसीजी, फार्मा, रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस सूचकांकों में 1.4% तक की गिरावट आई।
निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 में भी क्रमशः 1.6% और 1.3% की गिरावट देखी गई।
छोटे और मध्यम आकार के शेयर अपने उच्चतम स्तर से लगभग 20% तक नीचे आ चुके हैं, जो बाजार में मंदी की आशंका को बढ़ाता है।
कुछ कंपनियों के प्रदर्शन पर नजर
बर्जर पेंट्स: इसके शेयरों में 3.5% की वृद्धि हुई। हालांकि, कंपनी का तीसरी तिमाही का मुनाफा उम्मीद से कम रहा, लेकिन औद्योगिक कारोबार की मजबूती ने कमजोर मांग की भरपाई कर दी।
बेयर क्रॉपसाइंस: इसके शेयरों में लगभग 8% की गिरावट आई। कंपनी को कमजोर मांग और बढ़ती लागत की वजह से तिमाही लाभ में कमी का सामना करना पड़ा।
निवेशकों की नजर अब मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर
बाजार की मौजूदा अस्थिरता के बीच निवेशकों की नजर भारत के जनवरी माह के मुद्रास्फीति आंकड़ों पर टिकी है, जो बाजार बंद होने के बाद जारी किए जाएंगे।
रॉयटर्स सर्वेक्षण के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति जनवरी में गिरकर 4.6% (पिछले पांच महीनों का सबसे निचला स्तर) पहुंच गई है।
खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी के चलते यह गिरावट दर्ज की गई है।
मुद्रास्फीति में गिरावट से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीति पर असर पड़ सकता है, जो धीमी होती आर्थिक वृद्धि पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकता है।
क्या आगे और गिर सकता है बाजार?
कमजोर आर्थिक वृद्धि के चलते कंपनियों की कमाई और उपभोक्ता खर्च प्रभावित हुआ है, जिससे बाजार में और गिरावट की संभावना बनी हुई है। निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है और किसी भी नए निवेश से पहले बाजार की स्थिति पर अच्छी तरह विचार करना चाहिए।