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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बुधवार को एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म MITRA (Mutual Fund Investment Tracing and Retrieval Assistant) लॉन्च किया है। यह प्लेटफॉर्म उन निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा, जो निष्क्रिय या बिना दावे वाले म्यूचुअल फंड (MF) फोलियो को ढूंढने में असमर्थ रहे हैं। MITRA के जरिए निवेशकों को अपने पुराने या भूले हुए निवेशों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी, जिससे वे अपने धन को पुनः प्राप्त कर सकेंगे।
MITRA: निष्क्रिय निवेशों की पहचान करने में सहायक
MITRA प्लेटफॉर्म खासतौर पर उन निवेशकों के लिए फायदेमंद होगा, जो समय के साथ अपने म्यूचुअल फंड निवेश पर नज़र रखने में असमर्थ रहे हैं। कई बार निवेशक संपर्क विवरण अपडेट न होने या सही जानकारी के अभाव में अपने ही नाम पर किए गए निवेशों से अनजान रहते हैं। ऐसे में MITRA उनके लिए एक बेहतरीन समाधान बनकर आया है।
सेबी का उद्देश्य: निवेशकों को सशक्त बनाना
SEBI के अनुसार, निष्क्रिय फोलियो काफी असुरक्षित माने जाते हैं और इनका गलत इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया जा सकता है। इसे रोकने और निवेशकों को उनकी सही संपत्तियों तक पहुंच दिलाने के लिए MITRA प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए RTA (Registrar and Transfer Agents) एक मजबूत डेटाबेस बनाएंगे, जिससे निवेशक उद्योग-स्तर पर निष्क्रिय और बिना दावे वाले म्यूचुअल फंड फोलियो को आसानी से ट्रैक कर सकेंगे।
MITRA से निवेशकों को होंगे ये प्रमुख लाभ :
निष्क्रिय और भूले हुए म्यूचुअल फंड निवेशों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
निवेशक किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किए गए निवेशों का पता लगा सकेंगे, जिनके वे कानूनी दावेदार हो सकते हैं।
निवेशकों को केवाईसी (KYC) समय पर अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इससे केवाईसी अनुपालन न करने वाले फोलियो की संख्या में कमी आएगी, जिससे सुरक्षा बढ़ेगी।
MITRA न सिर्फ निवेशकों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि म्यूचुअल फंड उद्योग में पारदर्शिता और सुरक्षा को भी बढ़ावा देगा। सेबी का यह कदम उन लाखों निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा, जो अपने भूले-बिसरे निवेशों को दोबारा प्राप्त करना चाहते हैं।