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New Income Tax Bill 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया आयकर विधेयक 2025 पेश कर दिया है। इससे पहले, 7 फरवरी 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी। यह नया विधेयक लगभग 60 साल पुराने आयकर अधिनियम का स्थान लेगा और कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाएगा।

नए आयकर विधेयक 2025 में क्या बदलाव किए गए हैं?

1. 'कर वर्ष' का नया निर्धारण

  • अब ‘कर निर्धारण वर्ष’ को ‘कर वर्ष’ के रूप में जाना जाएगा।
  • यह 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की 12 महीने की अवधि होगी।

2. नए व्यवसायों के लिए विशेष प्रावधान

  • यदि कोई नया व्यवसाय शुरू होता है, तो उसका कर वर्ष उसी दिन से शुरू होगा और उसी वित्तीय वर्ष के अंत में समाप्त होगा।

3. कानूनी भाषा को सरल बनाया गया

  • विधेयक में कानूनी शब्दों को छोटा और सरल कर दिया गया है ताकि आम करदाता इसे आसानी से समझ सके।
  • पुराने 823 पृष्ठों के मुकाबले नया विधेयक 622 पृष्ठों में तैयार किया गया है।

4. अध्यायों एवं धाराओं में बदलाव

  • अध्यायों की संख्या पहले की तरह 23 ही रहेगी।
  • हालांकि, धाराओं की संख्या 298 से बढ़कर 536 हो गई है।
  • समय-सारिणी की संख्या भी 14 से बढ़कर 16 कर दी गई है।

5. जटिल प्रावधानों को हटाया गया

  • पुराने कानून में कई जटिल स्पष्टीकरण और प्रावधान थे, जिन्हें हटाकर इसे अधिक व्यावहारिक बनाया गया है।

6. आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों पर सख्ती

  • क्रिप्टोकरेंसी जैसी आभासी डिजिटल संपत्तियों को अब अघोषित आय के तहत माना जाएगा।
  • कर चोरी रोकने के लिए डिजिटल लेनदेन और क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर सख्त प्रावधान लागू किए गए हैं।

7. करदाता चार्टर का समावेश

  • करदाताओं के अधिकारों की सुरक्षा और कर प्रशासन को पारदर्शी बनाने के लिए करदाता चार्टर जोड़ा गया है।

नया आयकर विधेयक क्यों लाया गया?

1961 से लागू पुराना आयकर कानून समय के साथ जटिल और बोझिल हो चुका था। इसमें कई बार संशोधन किए गए, लेकिन यह आधुनिक डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए उपयुक्त नहीं था। इसीलिए, सरकार ने कर प्रणाली को सरल बनाने, करदाताओं को राहत देने और अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नया आयकर विधेयक 2025 पेश किया है।

नए टैक्स स्लैब 2025

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नए टैक्स स्लैब की घोषणा की, जो इस प्रकार हैं:

वार्षिक आय (रुपये में)कर दर (%)
0 - 4 लाखकोई टैक्स नहीं
4 - 8 लाख5%
8 - 12 लाख10%
12 - 16 लाख15%
16 - 20 लाख20%
20 - 24 लाख25%
24 लाख से अधिक30%

बड़ी राहत: नो-टैक्स सीमा बढ़ाई गई

पहले नो-टैक्स सीमा 7 लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है।

  • इस बदलाव से मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
  • उनकी कर योग्य आय पर पहले की तुलना में कम टैक्स लगेगा।

पुराने कानून में क्या समस्याएं थीं?

1961 से लागू आयकर कानून अब आर्थिक और तकनीकी रूप से कमजोर हो चुका था।

1. जटिल कर नियम

  • आम करदाताओं के लिए कर नियमों को समझना मुश्किल था।
  • कर रिटर्न भरना और अनुपालन करना कठिन और समय लेने वाला था।

2. कर विवादों का धीमा समाधान

  • कर से जुड़े मामलों को सुलझाने में काफी समय लगता था।
  • इससे करदाताओं पर अतिरिक्त बोझ बढ़ता था।

3. डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं

  • पुराने कानून में क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन बिजनेस और डिजिटल ट्रांजेक्शन जैसी चीजों के लिए स्पष्ट नियम नहीं थे।

आम आदमी को नया आयकर विधेयक 2025 से क्या फायदा होगा?

 मध्यम वर्ग को टैक्स में राहत: अब 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री होगी।
 कर दाखिल करना हुआ आसान: टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को सरल और डिजिटल किया गया है।
 कागजी कार्रवाई कम होगी: अब ऑनलाइन टैक्स रिटर्न दाखिल करना और आसान होगा।
 कर विवादों का जल्दी समाधान: नए नियमों से टैक्स से जुड़े मामलों को शीघ्रता से निपटाया जाएगा।
 डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: यह नया कानून डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन कारोबार को भी समर्थन देगा।