प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान भगदड़ मच गई, जिससे कई श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई घायल हो गए। यह हादसा संगम नोज इलाके में हुआ, जहां लाखों श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए पहुंचे थे। घायलों को तुरंत महाकुंभ सेंट्रल अस्पताल ले जाया गया।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, सवाल उठता है कि संगम नोज क्या है और इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व क्या है?
महाकुंभ में अमृत स्नान का महत्व
महाकुंभ में अमृत स्नान को बेहद पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2025 महाकुंभ का यह दूसरा शाही स्नान था, जिसे अमृत स्नान भी कहा जाता है।
मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम अत्यंत पवित्र माना जाता है।
इसी वजह से देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे, जिससे संगम नोज पर भीड़ का दबाव अत्यधिक बढ़ गया और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
संगम नोज: महाकुंभ का मुख्य स्नान स्थल
संगम नोज प्रयागराज के महाकुंभ मेले में स्थित सबसे प्रमुख स्नान स्थल है।
इस स्थान का नाम इसके विशेष आकार और स्थिति के कारण संगम नोज पड़ा।
यह वह स्थान है जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं।
साधु-संत और श्रद्धालु इसे सबसे पवित्र स्नान स्थल मानते हैं, इसलिए हर कुंभ और महाकुंभ में यहां विशेष स्नान का आयोजन किया जाता है।
इस बार भी लाखों श्रद्धालु इस स्थान पर स्नान करने के लिए पहुंचे, जिससे अत्यधिक भीड़ के कारण हादसा हो गया।
संगम नोज का विशेष महत्व
1. तीन पवित्र नदियों का संगम
संगम नोज पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है।
गंगा का पानी हल्का मटमैला होता है।
यमुना का पानी हल्का नीला दिखाई देता है।
सरस्वती नदी अदृश्य मानी जाती है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह भी संगम में मिलती है।
2. मोक्ष की प्राप्ति का स्थान
हिंदू धर्म में मान्यता है कि संगम नोज पर स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3. महाकुंभ में सबसे ज्यादा भीड़ इसी जगह होती है
हर कुंभ और महाकुंभ में सबसे अधिक भीड़ संगम नोज पर ही उमड़ती है, जिससे प्रशासन को विशेष व्यवस्था करनी पड़ती है।
हर घंटे 2 लाख श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था
प्रशासन ने भीड़ को संभालने के लिए संगम नोज क्षेत्र का विस्तार किया था ताकि श्रद्धालु आराम से स्नान कर सकें।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हर घंटे लगभग 2 लाख श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था की गई थी।
लेकिन अत्यधिक भीड़ और श्रद्धालुओं की जल्दबाजी के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और भगदड़ मच गई।
प्रशासन ने तुरंत महाकुंभ के कई रास्ते खोल दिए और भीड़ को डायवर्ट किया, जिससे स्थिति कुछ हद तक नियंत्रण में आई।
सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त किया और श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम नोज पर जाने से बचें और अपने नजदीकी घाटों पर ही स्नान करें।
उन्होंने श्रद्धालुओं को अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी और प्रशासन को भीड़ प्रबंधन के लिए और सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए।
महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है।