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Gold Price Today : भारतीय सर्राफा बाजार में 4 फरवरी 2025 को सोने और चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली। सोना अब 82,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गया है, जबकि चांदी की कीमत भी 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो गई है। सोने और चांदी की कीमतों में यह उछाल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ती मांग और आर्थिक कारकों के कारण आया है।
सोने-चांदी की मौजूदा कीमतें
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 999 शुद्धता वाले 24 कैरेट सोने की कीमत 82,963 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। वहीं, 999 शुद्धता वाली चांदी का भाव 93,475 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है।
सोमवार शाम को 24 कैरेट सोने की कीमत 82,704 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, लेकिन मंगलवार सुबह यह बढ़कर 82,963 रुपये हो गई। इसी तरह चांदी की कीमतों में भी तेजी देखी गई है।
शुद्धता के आधार पर सोने के दाम (ibjarates.com के अनुसार)
शुद्धता | सोने की कीमत (₹ प्रति 10 ग्राम) |
---|---|
999 (24 कैरेट) | 82,963 |
995 | 82,631 |
916 (22 कैरेट) | 75,994 |
750 (18 कैरेट) | 62,222 |
585 (14 कैरेट) | 48,533 |
महत्वपूर्ण जानकारी:
- IBJA द्वारा जारी दरें पूरे देश में एक समान होती हैं।
- ये दरें कर और निर्माण शुल्क से पहले की हैं।
- GST और मेकिंग चार्ज जोड़ने के बाद आभूषणों की वास्तविक कीमत अलग हो सकती है।
सोने और चांदी की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
- अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव: वैश्विक स्तर पर सोने और चांदी की मांग बढ़ने से भारत में भी कीमतों में वृद्धि हो रही है।
- अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति: अमेरिका में आर्थिक अनिश्चितता, बेरोजगारी दर और PMI (Purchasing Managers' Index) जैसे आर्थिक आंकड़े सोने की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं।
- फेडरल रिजर्व की नीतियां: अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में बदलाव सोने की कीमतों को ऊपर या नीचे कर सकता है। ब्याज दरें कम होने पर निवेशक सोने में अधिक पैसा लगाते हैं, जिससे कीमतें बढ़ती हैं।
- घरेलू मांग में वृद्धि: भारतीय बाजार में शादी-विवाह और त्योहारों के मौसम के कारण सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमतें ऊपर जाती हैं।
- डॉलर की मजबूती और रुपये का प्रभाव: डॉलर की तुलना में भारतीय रुपया कमजोर होने पर सोने का आयात महंगा हो जाता है, जिससे कीमतें बढ़ती हैं।
क्या आगे सोने की कीमतें और बढ़ेंगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती अस्थिरता और घरेलू मांग के कारण आने वाले महीनों में सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए सोने और चांदी में निवेश करें।