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GST Rate : देश में उपभोग और मांग को बढ़ाने के उद्देश्य से जीएसटी परिषद अब जीएसटी दरों को कम करने पर विचार कर रही है। खबरों के मुताबिक, सरकार 12 प्रतिशत वाले जीएसटी स्लैब को समाप्त करने की योजना बना रही है। इसके तहत, इस स्लैब में शामिल वस्तुओं को या तो 5 प्रतिशत जीएसटी के अंतर्गत लाया जा सकता है या फिर आवश्यकतानुसार 18 प्रतिशत स्लैब में रखा जा सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य जीएसटी दर संरचना को सरल और तर्कसंगत बनाना है, ताकि इसका उपयोग सुगम हो सके।
मंत्रियों के समूह के सामने रखा गया प्रस्ताव
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के इन सुझावों को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में गठित मंत्रिसमूह के सामने प्रस्तुत किया गया है। यह मंत्रियों का समूह जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रहा है।
अप्रैल 2023 तक जीएसटी दरों की वर्तमान स्थिति कुछ इस प्रकार थी:
- 18 प्रतिशत स्लैब – 600 वस्तुएं
- 12 प्रतिशत स्लैब – 275 वस्तुएं
- 5 प्रतिशत स्लैब – 280 वस्तुएं
- 28 प्रतिशत स्लैब – लगभग 50 वस्तुएं
चार स्लैब के बजाय तीन स्लैब की मांग
15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह ने सुझाव दिया है कि चार जीएसटी स्लैब को घटाकर तीन स्लैब में समायोजित किया जाए। हालांकि, अब तक वित्त मंत्रालय और जीएसटी परिषद ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
जल्द हो सकती है जीएसटी परिषद की बैठक
चूंकि बजट सत्र का पहला भाग समाप्त हो चुका है, इसलिए जल्द ही जीएसटी परिषद की बैठक बुलाई जा सकती है, जिसमें इस विषय पर विस्तृत चर्चा होगी। अगर सरकार जीएसटी दरों को सरल बनाने पर सहमत होती है, तो इसका लाभ व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को मिलेगा।
जीएसटी छूट का प्रभाव: गरीबों की तुलना में अमीरों को अधिक फायदा
एक शोध पत्र के अनुसार, जीएसटी में दी जा रही छूट का अधिक फायदा उच्च आय वर्ग के लोगों को मिल रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) के अनुसार:
- गरीबों की उपभोग टोकरी में शामिल वस्तुओं में से केवल 20% वस्तुओं पर जीएसटी छूट उपलब्ध है।
- दूसरी ओर, अमीरों की उपभोग टोकरी में शामिल अधिकांश वस्तुओं पर जीएसटी छूट दी जा रही है।
जीएसटी स्लैब में बदलाव की मांग क्यों?
लंबे समय से विशेषज्ञ और उद्योग संगठन जीएसटी स्लैब में बदलाव की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में जीएसटी के चार कर स्लैब हैं
- 5 प्रतिशत
- 12 प्रतिशत
- 18 प्रतिशत
- 28 प्रतिशत
इसके अलावा, कुछ विलासिता वस्तुओं पर अलग से उपकर (cess) भी लगाया जाता है। अब सरकार जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर तीन करने पर विचार कर रही है, जिससे कर प्रणाली को सरल और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।