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केंद्र सरकार 1 अप्रैल, 2025 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक नए पेंशन विकल्प के रूप में एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme - UPS) शुरू करने जा रही है। इसके लिए सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। यह योजना उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगी जो NPS के तहत आते हैं और इस नए विकल्प को चुनते हैं। इस योजना के तहत, कर्मचारियों को न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन की सुविधा प्रदान की जाएगी।

एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की मुख्य विशेषताएं

गारंटीकृत न्यूनतम पेंशन:
योजना के तहत, सेवानिवृत्ति से पहले 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50% गारंटीकृत पेंशन के रूप में दिया जाएगा।

योगदान संरचना:

कर्मचारी को अपने मूल वेतन का 10% योगदान देना होगा।

सरकार इसमें 18.5% का योगदान करेगी।

कुल मिलाकर 28.5% योगदान से पेंशन फंड तैयार होगा।

सेवानिवृत्ति के बाद न्यूनतम पेंशन:

10 वर्षों या उससे अधिक सेवा करने के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को रु. 10,000 प्रति माह की न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन दी जाएगी।

25 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद, कर्मचारी को पूर्ण गारंटीकृत पेंशन का लाभ मिलेगा।

पात्रता और शर्तें

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, योजना के तहत गारंटीकृत पेंशन का लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा, जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करेंगे:

सेवा की न्यूनतम अवधि:

योजना का लाभ लेने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 वर्षों की सेवा पूरी करनी होगी।

25 वर्षों की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को पूर्ण गारंटीकृत पेंशन मिलेगी।

स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का लाभ:

25 साल की सेवा पूरी करने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्मचारी को गारंटीकृत भुगतान उसी समय से मिलेगा, जब वह सेवा में बने रहते।

अयोग्यता के मामले:

अगर कर्मचारी को सेवा से हटाया जाता है, बर्खास्त किया जाता है, या इस्तीफा देता है, तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

इसके अलावा, जिन कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया गया हो या जो एफआर 56 (जे) के प्रावधानों के तहत सेवा से बाहर किए गए हों, वे भी इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।

पेंशन योजना की शर्तें और भुगतान की प्रक्रिया

आंशिक गारंटी भुगतान:
यदि किसी कर्मचारी ने 10 से 25 वर्ष की सेवा पूरी की है, तो उसे गारंटीकृत भुगतान आनुपातिक रूप में मिलेगा।

न्यूनतम पेंशन:
10 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को रु. 10,000 प्रति माह की न्यूनतम पेंशन दी जाएगी।

50% गारंटीकृत पेंशन:
सेवानिवृत्ति से पहले 12 महीने के औसत वेतन का 50% गारंटीकृत पेंशन के रूप में भुगतान किया जाएगा।

UPS योजना की पृष्ठभूमि

केंद्र सरकार ने 24 अगस्त, 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में UPS योजना को मंजूरी दी थी। यह निर्णय लगभग 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया था, जो गारंटीकृत सेवानिवृत्ति लाभ की मांग कर रहे थे।

कर्मचारी संघों की मांग:
कर्मचारी संघ लंबे समय से गैर-गारंटीकृत NPS की जगह ऐसी पेंशन योजना की मांग कर रहे थे, जिसमें उन्हें मासिक वेतन के 50% की गारंटी मिले।

नई पेंशन नीति का उद्देश्य:
इस नीति का उद्देश्य कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना और सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें स्थिर आय सुनिश्चित करना है।

UPS बनाम NPS: क्या है अंतर?

पेंशन योजनायोगदानपेंशन भुगतानगारंटी
NPSकर्मचारी: 10%, सरकार: 14%सेवानिवृत्ति के बाद बाजार पर आधारितगारंटी नहीं
UPSकर्मचारी: 10%, सरकार: 18.5%मासिक वेतन का 50% गारंटीकृतगारंटी प्रदान की गई

UPS योजना का महत्व

आर्थिक सुरक्षा:
यह योजना कर्मचारियों को उनके भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी।

सेवानिवृत्ति के बाद स्थिर आय:
NPS के विपरीत, UPS में गारंटीकृत पेंशन दी जाएगी, जिससे कर्मचारियों को बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता नहीं करनी होगी।

सरकार का योगदान बढ़ा:
सरकार का योगदान 18.5% कर दिया गया है, जो NPS में 14% था।