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Budget 2025 halwa ceremony : बजट 2025 की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। हर साल की तरह इस बार भी बजट प्रक्रिया की शुरुआत हलवा सेरेमनी से हुई। 24 जनवरी को वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित इस परंपरागत समारोह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मिलकर इसे मनाया। इसके साथ ही 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू हो गई।

हलवा सेरेमनी: क्या है इसका महत्व?

हलवा सेरेमनी बजट प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा है और इसे बेहद खास माना जाता है।

बजट की प्रक्रिया का शुभारंभ:
हलवा सेरेमनी के साथ बजट दस्तावेजों को अंतिम रूप देने और उनकी छपाई का काम शुरू हो जाता है। यह समारोह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

गोपनीयता बनाए रखना:
बजट दस्तावेज़ अत्यंत गोपनीय होते हैं, और इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होती है। इस कारण बजट तैयार करने में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों को 1 फरवरी तक वित्त मंत्रालय में ही रहना होता है।

परंपरा और संस्कृति का प्रतीक:
भारतीय संस्कृति में हलवा मिठास और खुशी का प्रतीक है। यह समारोह सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को एक साथ लाने और उनके प्रयासों को सम्मानित करने का जरिया भी है।

कैसे होता है हलवा सेरेमनी का आयोजन?

हलवा सेरेमनी में वित्त मंत्री खुद अपने हाथों से हलवा परोसते हैं। इस रस्म के बाद बजट प्रक्रिया में शामिल अधिकारी और कर्मचारी मंत्रालय परिसर में ही रहते हैं।

  • मंत्रालय छोड़ने की अनुमति नहीं: इन अधिकारियों को न तो अपने घर जाने की अनुमति होती है और न ही वे परिवार के किसी सदस्य से बात कर सकते हैं।
  • कड़ी निगरानी: वित्त मंत्री समेत सभी अधिकारी इस दौरान निगरानी में रहते हैं। अगर वित्त मंत्री को बेहद जरूरी कारणों से बाहर जाना भी पड़े, तो उन्हें कई प्रकार की सत्यापन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है।

हलवा सेरेमनी में कौन-कौन हुआ शामिल?

इस वर्ष हलवा सेरेमनी में कई महत्वपूर्ण व्यक्तित्व शामिल हुए।

  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जिन्होंने खुद अधिकारियों को हलवा परोसा।
  • वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी।
  • वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे।
  • आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ।
  • इसके अलावा, मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी इस आयोजन में उपस्थित रहे।

बजट 2025: पेपरलेस प्रस्तुति की परंपरा

निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल में अब तक चार पूर्ण बजट और दो अंतरिम बजट पेश किए हैं। 2025 में भी वह बजट को पेपरलेस फॉर्मेट में टैबलेट के माध्यम से पेश करेंगी। पेपरलेस बजट न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह भारत की डिजिटल क्रांति को भी प्रदर्शित करता है।

हलवा सेरेमनी का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

हलवा सेरेमनी भारतीय बजट प्रक्रिया का केवल तकनीकी हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक परंपरा भी है। यह आयोजन कर्मचारियों की मेहनत और उनकी प्रतिबद्धता को पहचानने का जरिया है। यह न केवल मिठास का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि बजट तैयार करने की प्रक्रिया एक सामूहिक प्रयास है।