
1. लाइट में सोने से नींद चक्र हो सकता है बाधित
आपके शरीर में एक प्राकृतिक जैविक घड़ी होती है जिसे सर्केडियन रिदम कहते हैं। यह घड़ी प्रकाश और अंधेरे के आधार पर जागने और सोने के संकेत देती है। अगर आप तेज रोशनी में सोते हैं, तो यह घड़ी भ्रमित हो सकती है, जिससे नींद आने में परेशानी हो सकती है।
2. मस्तिष्क बना रहता है सक्रिय
जब आप कमरे की लाइट जलाकर सोते हैं, तब भी आपकी बंद आंखों के बावजूद, मस्तिष्क सतर्क बना रहता है। इसका नतीजा होता है कि आपको गहरी और शांत नींद नहीं मिलती, जिससे शरीर और दिमाग पूरी तरह से आराम नहीं कर पाते।
3. नींद के लिए आदर्श वातावरण क्या होना चाहिए?
कमरे की लाइट बंद रखें
यदि अंधेरे से डर लगता है, तो मंद रोशनी (नाइट लाइट) का इस्तेमाल करें
ब्लू लाइट जैसे मोबाइल या टीवी की स्क्रीन से दूर रहें
4. कमरे का तापमान भी रखता है असर
नींद की गुणवत्ता पर कमरे के तापमान का बड़ा प्रभाव होता है। शोध के अनुसार:
आदर्श तापमान: 20 से 25 डिग्री सेल्सियस
इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है, विशेषकर बुजुर्गों के लिए
25°C से अधिक तापमान पर नींद की क्षमता में 5-10% तक की कमी आ सकती है
5. अच्छी नींद का मतलब है बेहतर स्वास्थ्य
पर्याप्त और गहरी नींद से आपका मूड, उत्पादकता और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है
नींद की कमी से मानसिक तनाव, थकावट और लंबी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है
खासकर बुजुर्गों के लिए यह और भी जरूरी है कि सोने का माहौल आरामदायक हो
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