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Volodymyr Zelensky: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रविवार को एक बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर उनके राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने से यूक्रेन को नाटो की सदस्यता मिलती है और देश में शांति स्थापित होती है, तो वह बिना किसी देरी के पद छोड़ने को तैयार हैं। कीव में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज़ेलेंस्की ने कहा, "यदि यूक्रेन में शांति मेरे राष्ट्रपति पद छोड़ने से आती है और इसके बदले में हमारा देश नाटो का सदस्य बन सकता है, तो मैं तुरंत इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।"
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि आवश्यक हुआ, तो वे तत्काल अपने पद से हटने के लिए तैयार हैं। उनका मानना है कि नाटो की सदस्यता यूक्रेन की सुरक्षा और भविष्य के लिए बेहद जरूरी है, खासकर रूस के साथ जारी युद्ध को देखते हुए।
ट्रंप से सुरक्षा गारंटी की अपील
ज़ेलेंस्की ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से यूक्रेन को ठोस सुरक्षा गारंटी देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि ट्रंप को यूक्रेन की स्थिति को समझना चाहिए और रूस के आक्रमण से बचाव करने के लिए समर्थन देना चाहिए।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ज़ेलेंस्की ने कहा, "मैं चाहता हूं कि ट्रंप यूक्रेन को एक साझेदार के रूप में देखें और कीव तथा मॉस्को के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभाएं।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका से सुरक्षा गारंटी की यूक्रेन को सख्त जरूरत है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल हो चुके हैं
रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण किए तीन साल पूरे होने वाले हैं। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था और तब से दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है। इस दौरान दोनों पक्षों को भारी जान-माल का नुकसान हुआ है।
ज़ेलेंस्की ने बताया कि उनका प्रशासन और ट्रंप सरकार एक समझौते के करीब हैं, जिसके तहत अमेरिका यूक्रेन को सुरक्षा सहायता प्रदान करेगा और बदले में उसे यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच मिल सकती है।
पिछले साल डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता कराने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन और यूक्रेनी नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि किसी भी शांति समझौते के लिए यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को प्राथमिकता दी जाएगी।
ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच बढ़ता विवाद
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार ज़ेलेंस्की पर रूस के साथ युद्ध को और बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में ज़ेलेंस्की ने भी सार्वजनिक तौर पर ट्रंप की आलोचना की और उन्हें रूसी दुष्प्रचार के प्रभाव में आने का आरोप लगाया।
इसके अलावा, उन्होंने सऊदी अरब में हुई अमेरिका-रूस वार्ता को भी खारिज कर दिया, जहां दोनों देशों ने यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत करने की सहमति जताई थी। ज़ेलेंस्की ने साफ कहा कि "यूक्रेन की पीठ पीछे कोई भी बातचीत मंजूर नहीं की जाएगी।"
ट्रंप-पुतिन की बातचीत और शांति वार्ता के प्रयास
12 फरवरी को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई। इस चर्चा में दोनों नेताओं ने अमेरिका-रूस द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा की।
इन कूटनीतिक प्रयासों के तहत, 18 फरवरी को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच एक बैठक तय की गई थी, जिसमें यूक्रेन युद्ध के समाधान पर चर्चा की जानी थी।
क्या यूक्रेन नाटो का सदस्य बनेगा?
ज़ेलेंस्की के इस बयान के बाद सवाल उठता है कि क्या यूक्रेन को वास्तव में नाटो की सदस्यता मिलेगी? अब तक, नाटो देशों ने यूक्रेन को समर्थन दिया है, लेकिन पूर्ण सदस्यता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। रूस ने पहले ही चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन नाटो का सदस्य बनता है, तो यह सीधे रूस के खिलाफ एक खतरा होगा।
फिलहाल, यूक्रेन के नाटो सदस्य बनने की प्रक्रिया और अमेरिका की भूमिका पर सभी की नजरें टिकी हैं। ज़ेलेंस्की के इस बयान ने युद्ध और कूटनीतिक प्रयासों के भविष्य को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दिया है।