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प्रयागराज महाकुंभ में एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें हीलियम गैस से भरा एक गर्म हवा का गुब्बारा अचानक फट गया। इस दुर्घटना में गुब्बारे की टोकरी में सवार छह श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से एक की हालत नाजुक बताई जा रही है। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज द्वारा संचालित स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में रेफर किया गया, जहां उनका इलाज जारी है।

हादसा वसंत पंचमी के स्नान पर्व के दौरान हुआ

यह दुर्घटना महाकुंभ मेले के सेक्टर 20 में अखाड़ा मार्ग के पास सोमवार दोपहर घटी। वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर श्रद्धालु स्नान के लिए एकत्र हुए थे, उसी दौरान हीलियम गैस से भरा एक बड़ा गुब्बारा उड़ान भरने की प्रक्रिया में था। जैसे ही यह गुब्बारा जमीन से ऊपर उठना शुरू हुआ, अचानक एक तेज धमाके के साथ फट गया। विस्फोट इतना तेज था कि टोकरी में बैठे सभी श्रद्धालु गंभीर रूप से झुलस गए।

गुब्बारा उड़ान भरने से पहले ही फटा, बड़ा हादसा टला

सौभाग्यवश, यह दुर्घटना अधिक ऊंचाई पर नहीं हुई। यदि गुब्बारा हवा में उड़ने के बाद फटता, तो यह हादसा और भी भयावह हो सकता था। विस्फोट के तुरंत बाद मेला प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए महाकुंभ के उपकेन्द्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए, सभी को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल रेफर कर दिया गया।

घायलों की पहचान और हालत

इस दुर्घटना में घायल हुए छह श्रद्धालुओं की पहचान कर ली गई है:

  1. प्रदीप (27 वर्ष) - ऋषिकेश निवासी
  2. अमन (13 वर्ष) - हरिद्वार निवासी
  3. निखिल (16 वर्ष) - ऋषिकेश निवासी
  4. मयंक (50 वर्ष) - प्रयागराज निवासी
  5. ललित (32 वर्ष) - खरगोन, मध्य प्रदेश निवासी
  6. शुभम (25 वर्ष) - इंदौर निवासी

इनमें से प्रदीप और निखिल की हालत अधिक गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों की टीम उनका विशेष ध्यान रख रही है और सभी घायलों का इलाज जारी है।

महाकुंभ में सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

इस हादसे ने महाकुंभ मेले में सुरक्षा इंतजामों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी महाकुंभ में सुरक्षा चूक के कारण बड़े हादसे हो चुके हैं। कुछ दिन पहले ही मौनी अमावस्या के स्नान पर्व के दौरान भगदड़ मचने से 30 लोगों की जान चली गई थी।

मेला प्रशासन इस घटना की जांच कर रहा है कि आखिर गुब्बारा फटने की वजह क्या थी और कहीं इसमें किसी तरह की लापरवाही तो नहीं हुई। इसके साथ ही आयोजकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतें।