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महाकुंभ के दौरान प्रयागराज जाने वाली ट्रेनें खचाखच भरी हुई हैं। हर कोई संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमाना चाहता है, लेकिन कई लोग व्यस्तता या अन्य कारणों से वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट ने एक अनोखी पहल की है—अब आप गंगाजल घर बैठे मंगवा सकते हैं, वो भी सिर्फ 15 मिनट में!

ब्लिंकिट पर मिल रहा "संगम जल" – कीमत और डिटेल्स

ब्लिंकिट अब अपने प्लेटफॉर्म पर 100 मिलीलीटर संगम जल बेच रहा है, जिसकी कीमत ₹69 रखी गई है। यह पानी गंगा और यमुना के संगम से लिया गया बताया जा रहा है, जो प्रयागराज में महाकुंभ का मुख्य स्नान स्थल है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां सरस्वती नदी भी अदृश्य रूप में मिलती है, इसलिए इसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है।

अब सवाल ये उठता है—क्या यह सच में संगम का जल है या सिर्फ एक मार्केटिंग स्ट्रेटजी?

धार्मिक उत्पादों का ऑनलाइन कारोबार – नया नहीं है यह ट्रेंड

भारत में धार्मिक उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री कोई नई बात नहीं है। पहले भी कई कंपनियां गंगाजल, मंदिरों का प्रसाद, रुद्राक्ष, और अन्य धार्मिक वस्तुएं ऑनलाइन बेचती रही हैं। लेकिन ब्लिंकिट जैसे फास्ट डिलीवरी प्लेटफॉर्म का इस बिजनेस में उतरना यह दिखाता है कि इसमें जबरदस्त मुनाफे की संभावना है।

कुछ लोग इसे एक आसान और बेहतरीन सुविधा मान रहे हैं, तो कुछ इसे धर्म के नाम पर व्यापार बता रहे हैं।

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं

ब्लिंकिट के इस नए ऑफर को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। ट्विटर (X) पर @BunnyPunia नामक यूजर ने व्यंग्यात्मक लहजे में लिखा—

"ब्लिंकिट अब 'महाकुंभ त्रिवेणी संगम गंगाजल' बेच रहा है! क्या आप इसे खरीदेंगे? "

इसके बाद से ही यह खबर तेजी से वायरल हो रही है। कुछ लोग इस सुविधा को आस्था से जुड़ा इनोवेशन मान रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक भावनाओं का व्यावसायीकरण कह रहे हैं।

गंगाजल की कीमत—क्या यह ज्यादा महंगा है?

अब बात करते हैं कीमत की।

  • बाजार में एक लीटर मिनरल वाटर की कीमत लगभग ₹20 होती है।
  • वहीं, 100 मिलीलीटर संगम जल ₹69 में मिल रहा है।
  • यानी, एक लीटर संगम जल की कीमत ₹690 होगी!

यह मिनरल वाटर से कई गुना महंगा है, और यही कारण है कि लोग ब्लिंकिट के इस कदम पर सवाल उठा रहे हैं।

धर्म और व्यवसाय – कहां खड़ा है ऑनलाइन मार्केट?

धार्मिक भावनाओं से जुड़े उत्पादों की बिक्री हमेशा से चर्चा का विषय रही है। हालांकि, लोग इसे व्यक्तिगत आस्था के नजरिए से देख रहे हैं—
 जो लोग गंगाजल को शुद्ध और पवित्र मानते हैं, वे इसे खुशी-खुशी खरीद रहे हैं।
जो लोग इसे महंगा और व्यावसायिक चाल समझते हैं, वे इसकी आलोचना कर रहे हैं।

जो भी हो, यह स्पष्ट है कि ऑनलाइन बाजार अब धर्म से जुड़े उत्पादों पर भी तेजी से विस्तार कर रहा है।