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Lifestyle Tips : गर्भावस्था के दौरान क्या खाया जा रहा है, इसका असर सिर्फ मां पर नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। हाल ही में किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन ने इस विषय पर गहरी रोशनी डाली है। शोध में यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि यदि गर्भवती महिला अधिक मात्रा में पश्चिमी खानपान जैसे फास्ट फूड, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करती है, तो यह शिशु के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है।

इस अध्ययन में यह भी पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान पश्चिमी भोजन का अधिक सेवन बच्चे में न्यूरोलॉजिकल समस्याओं जैसे ऑटिज्म (Autism) और एडीएचडी (ADHD) के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है। शोध के मुताबिक, जो महिलाएं गर्भावस्था में नियमित रूप से पिज्जा, बर्गर, सोडा, फ्रेंच फ्राइज जैसी चीजें खाती हैं, उनके बच्चों में ADHD का खतरा 66% और ऑटिज्म का खतरा 122% अधिक देखा गया।

पश्चिमी आहार की प्रमुख समस्याएं

पश्चिमी भोजन में आमतौर पर अत्यधिक मात्रा में चीनी, ट्रांस फैट, संरक्षक और प्रोसेस्ड सामग्री पाई जाती है। ये सभी तत्व न सिर्फ शरीर में सूजन बढ़ाते हैं, बल्कि हार्मोनल असंतुलन, मेटाबॉलिज्म गड़बड़ी और तंत्रिका तंत्र के विकास में भी बाधा डालते हैं। यही वजह है कि मां के खानपान की गुणवत्ता शिशु के मस्तिष्क विकास में निर्णायक भूमिका निभाती है।

शोध का निष्कर्ष और चेतावनी

नेचर मेटाबॉलिज्म नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में 60,000 से अधिक नॉर्वेजियन महिलाओं और उनके बच्चों के खानपान और स्वास्थ्य का विश्लेषण किया गया। इस शोध का नेतृत्व कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के डॉ. डेविड हॉर्नर ने किया। उन्होंने यह साफ कहा कि जितनी बार गर्भवती महिला पश्चिमी खाद्य पदार्थों का सेवन करती है, शिशु के विकास पर उसका उतना ही बुरा प्रभाव पड़ता है।

हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि यदि मां अपने आहार में छोटे-छोटे बदलाव करे, जैसे हफ्ते में 2-3 बार मछली खाना, रोज़ फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाना, तो इन जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

गर्भावस्था के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?

गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए:

फास्ट फूड – बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज़ जैसे खाद्य पदार्थ।

बहुत अधिक मीठी चीजें – कोल्ड ड्रिंक, कैंडी, केक, पेस्ट्री।

प्रोसेस्ड फूड – पैकेज्ड स्नैक्स, इंस्टेंट नूडल्स, चिप्स।

डीप फ्राइड फूड – समोसे, कचौरी, फ्राइड चिकन आदि।

अत्यधिक कैफीन – चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स।

ये सभी चीजें शरीर में जहरीले तत्वों का निर्माण कर सकती हैं जो मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदेह हैं।

गर्भावस्था में क्या खाएं?

हरी सब्जियां और ताजे फल – विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होते हैं जो मस्तिष्क और संपूर्ण शरीर के विकास में सहायक हैं।

साबुत अनाज – जैसे ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ जो लंबे समय तक ऊर्जा देते हैं और पाचन में भी मदद करते हैं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ – अखरोट, अलसी के बीज और मछली जो तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए जरूरी हैं।

प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ – बीन्स, पनीर, अंडे, चिकन जो बच्चे की वृद्धि और कोशिका निर्माण में सहायक होते हैं।

दूध और डेयरी उत्पाद – कैल्शियम और विटामिन डी का अच्छा स्रोत हैं जो हड्डियों और दांतों के विकास के लिए जरूरी हैं।