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PM Swamitva Yojana for Villagers : केंद्र सरकार लगातार देश के शहरों के साथ-साथ ग्रामीण विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है, जिसमें ग्रामीणों के लिए सबसे अहम योजना पीएम स्वामित्व योजना है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।

18 जनवरी को 65 लाख लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड का वितरण

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (18 जनवरी, 2025) को दोपहर लगभग 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50,000 से अधिक गांवों में संपत्ति मालिकों को सूचित करेंगे और 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित करेंगे। इस योजना से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कई ऐसे लोगों को फायदा होगा जिनके पास अपनी जमीन और घरों का मालिकाना हक और सरकारी दस्तावेज नहीं हैं।

योजना का प्रथम चरण

अप्रैल 2020 में पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना पहले चरण में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के गांवों में लागू की गई थी।

योजना के लाभ

इस योजना के तहत लोगों को न सिर्फ मालिकाना हक मिलेगा, बल्कि बैंकों से लोन लेना भी आसान हो जाएगा. इससे संपत्ति संबंधी समस्याओं के समाधान में भी मदद मिलेगी और कोई भी अपनी संपत्ति आसानी से किसी को भी बेच सकेगा। इस योजना के तहत ड्रोन का उपयोग करके गांवों और कृषि भूमि की मैपिंग की जाएगी। यह योजना लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाएगी।

स्वामित्व योजना क्या है?

इस समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार ने 'स्वामित्व योजना' शुरू की है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में जमीन पर बने घरों का मालिकाना हक दिया जाता है। इस योजना के तहत, प्रत्येक मालिक को एक संपत्ति कार्ड दिया जाता है जो उनके घर के स्वामित्व का कानूनी प्रमाण है। यानी अब उनके पास अपने घर का वैध और कानूनी दस्तावेज होगा.

स्वामित्व योजना कैसे काम करती है?

स्वामित्व योजना के तहत गांवों की आवासीय भूमि की माप ड्रोन से की जाती है। ड्रोन गांवों की सीमा के भीतर आने वाली हर संपत्ति का डिजिटल नक्शा बनाता है। इसके साथ ही प्रत्येक राजस्व तालुक की सीमा भी निर्धारित की जाती है। यानी ड्रोन तकनीक की मदद से कौन सा घर कितने एरिया में है इसका सटीक आकलन किया जा सकेगा।