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दिल्ली में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की तारीख, समय और स्थान सब कुछ तय हो चुका है। अब यह समारोह 24 घंटे के भीतर संपन्न होने वाला है। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 48 सीटें जीतकर सरकार बनाने का दावा ठोंक दिया है, लेकिन अभी तक पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के लिए किसी नाम की घोषणा नहीं की है।

अब जब यह स्पष्ट हो चुका है कि दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री का चयन बीजेपी के 48 विधायकों में से ही किया जाएगा, तो संभावित नामों पर चर्चा तेज हो गई है। इस रेस में कुल सात प्रमुख नाम सामने आए हैं, जो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो सकते हैं। आइए जानते हैं, वे कौन-कौन से दावेदार हैं और उनके राजनीतिक सफर की कहानी।

1. प्रवेश वर्मा: केजरीवाल को हराकर बने हीरो

प्रवेश साहिब सिंह वर्मा का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में काफी मजबूत माना जा रहा है। जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले प्रवेश वर्मा को मुख्यमंत्री बनाने से बीजेपी को हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी फायदा हो सकता है।

  • प्रवेश वर्मा दिल्ली बीजेपी का एक बड़ा चेहरा हैं और उनके पिता डॉ. साहिब सिंह वर्मा भी दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
  • 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल को 4,089 वोटों के अंतर से हराकर बड़ा उलटफेर कर दिया।
  • इससे पहले, 2013-2014 में वे महरौली विधानसभा से विधायक रह चुके हैं।
  • 2014 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद बने। 2019 में फिर से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे।
  • हालांकि, इस बार उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं मिला था, जिसके बाद वे विधानसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की।

2. रेखा गुप्ता: महिला चेहरा

रेखा गुप्ता बीजेपी के लिए एक बड़ा महिला चेहरा हो सकती हैं। इस बार वे शालीमार बाग से विधायक बनी हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सक्रिय सदस्य हैं।

  • रेखा गुप्ता छात्र राजनीति में भी काफी सक्रिय रही हैं और उन्होंने 1992 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के जरिए राजनीति में कदम रखा था।
  • वे 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की महासचिव और अध्यक्ष रह चुकी हैं।
  • 2003-2004 में बीजेपी युवा मोर्चा दिल्ली राज्य की सचिव रहीं।
  • 2004-2006 में वे बीजेपी युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव बनीं।
  • 2007-2009 तक वे महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की अध्यक्ष रही थीं।
  • 2009 में वे दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा की महासचिव बनीं और मार्च 2010 में उन्हें बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिली।
  • 2007 और 2012 में वे उत्तरी पीतमपुरा (वार्ड 54) से दो बार पार्षद चुनी गईं और 2013 से लगातार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं।
  • इस बार उन्हें पहली बार जीत मिली है, जिससे उनकी दावेदारी मजबूत हो गई है।

3. सतीश उपाध्याय: संघ के पुराने स्वयंसेवक

सतीश उपाध्याय का नाम भी दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में है। वे मालवीय नगर से विधायक चुने गए हैं और दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।

  • सतीश उपाध्याय मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, लेकिन उन्होंने दिल्ली में ही अपनी राजनीतिक पारी खेली है।
  • वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पुराने स्वयंसेवक हैं।
  • 2002 में वे दिल्ली यूथ विंग के अध्यक्ष बने।
  • 2010-2012 तक दिल्ली बीजेपी इकाई के उपाध्यक्ष रहे।
  • 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें दिल्ली बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया था।
  • वे नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) के पूर्व उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
  • सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के सदस्य भी रह चुके हैं।
  • 2012 में उन्होंने पहली बार नगर निगम चुनाव लड़ा और निगम के शिक्षा कमिटी के चेयरमैन बने।
  • 2013 में दक्षिणी नगर निगम के स्थायी समिति के चेयरमैन बने।

4. अजय महावर: RSS की मजबूत पृष्ठभूमि

अजय महावर इस बार घोंडा विधानसभा सीट से जीतकर आए हैं और वे दो बार लगातार इस सीट से विधायक चुने गए हैं।

  • वे बनिया समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उनकी संघ की पृष्ठभूमि काफी मजबूत है।
  • उन्होंने संगठन में कई बड़े पदों पर काम किया है और उनकी संगठनात्मक पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है।
  • विधानसभा में वे मुख्य सचेतक की भूमिका भी निभा चुके हैं।
  • दो बार वे पूर्वी दिल्ली के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

5. अभय वर्मा: पूर्वांचल समाज का चेहरा

अभय वर्मा पूर्वांचल समाज के एक मजबूत नेता हैं और लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट से लगातार दो बार विधायक चुने गए हैं।

  • बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए उनकी दावेदारी को काफी अहम माना जा रहा है।
  • वे बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
  • वे दिल्ली बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर भी काम कर चुके हैं।
  • इसके अलावा, वे दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता भी रह चुके हैं।

6. पंकज सिंह: बिहार से ताल्लुक रखने वाले नेता

पंकज कुमार सिंह बिहार के बक्सर जिले से आते हैं और वे पहली बार विधायक बने हैं।

  • उनके पिता दिवंगत बाबू राज मोहन सिंह दिल्ली में एडिशनल कमिश्नर थे।
  • पंकज सिंह की दावेदारी को बिहार में बीजेपी के वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।

7. पवन शर्मा: संगठन में मजबूत पकड़

पवन शर्मा दिल्ली बीजेपी के संगठन में एक मजबूत नेता माने जाते हैं।

  • वे असम बीजेपी के सह प्रभारी भी रह चुके हैं।
  • दिल्ली बीजेपी के महासचिव पद पर भी वे काम कर चुके हैं।
  • वे दो बार विधायक रह चुके हैं।
  • 2013 में उत्तम नगर सीट से पहली बार विधायक बने थे।
  • इस बार उन्होंने आप के पॉश बालियान को 29,740 वोटों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की है।