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Pakistan Moon Rover Mission: पाकिस्तान अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन SUPARCO (Space & Upper Atmosphere Research Commission) ने घोषणा की है कि देश का पहला चंद्रमा रोवर मिशन 2028 में लॉन्च किया जाएगा। यह ऐतिहासिक मिशन पाकिस्तान और चीन के बीच अंतरिक्ष सहयोग का हिस्सा है और इसे चीन के चांग'ई 8 मिशन के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा जाएगा।

चांग'ई 8 मिशन का हिस्सा बनेगा पाकिस्तान का रोवर

पाकिस्तान का चंद्रमा रोवर चीन के चांग'ई 8 मिशन के साथ लॉन्च होगा, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की रोबोटिक खोज और अनुसंधान पर केंद्रित होगा। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर संभावित संसाधनों का अध्ययन, जल स्रोतों की खोज और चंद्रमा पर मानव बस्तियों की स्थापना की संभावनाओं को जांचना है।

पाकिस्तान-चीन अंतरिक्ष सहयोग को मिली नई ऊंचाई

इस मिशन को लेकर पाकिस्तान और चीन ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ते सहयोग को दर्शाता है। इससे पहले भी, मई 2022 में, पाकिस्तान ने चीन के चांग'ई 6 मिशन के तहत अपना पहला चंद्र उपग्रह लॉन्च किया था, जिसने सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव-एटकेन बेसिन पर लैंडिंग की थी और पृथ्वी पर नमूने वापस लाए थे।

चंद्रमा रोवर का नामकरण: जनता को मिला मौका

इस मिशन के प्रति जनता की भागीदारी को बढ़ाने के लिए SUPARCO ने एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता शुरू की है, जिसमें पाकिस्तान के चंद्रमा रोवर का नामकरण किया जाएगा। इस प्रतियोगिता के तहत, विजेता को 100,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा। यह पहल देश के नागरिकों में विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए की गई है।

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर तैनात होगा रोवर

SUPARCO द्वारा विकसित किया गया यह चंद्रमा रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर तैनात किया जाएगा। इस रोवर को उन्नत वैज्ञानिक उपकरणों और सेंसर से लैस किया जाएगा, जिन्हें पाकिस्तानी वैज्ञानिकों ने डिज़ाइन किया है। इसके अलावा, इसमें चीनी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा विकसित कुछ उपकरण भी शामिल होंगे, जो चंद्रमा की सतह की संरचना, तापमान और खनिजों की जानकारी एकत्र करने में मदद करेंगे।

अंतरिक्ष अन्वेषण में पाकिस्तान की नई छलांग

पाकिस्तान का यह मिशन देश की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को दर्शाता है। अंतरिक्ष अनुसंधान में यह एक बड़ा कदम होगा, जिससे पाकिस्तान उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने चंद्रमा पर रोवर भेजने की क्षमता हासिल की है।

यह मिशन पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा और भविष्य में अन्य अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए आधार तैयार करेगा।