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America imposed tariffs on China : अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव और गहरा हो गया है। शनिवार (1 फरवरी) को अमेरिका की ट्रंप सरकार ने चीन से आयातित वस्तुओं पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला किया। इसके जवाब में, चीन ने भी अमेरिका पर 10 से 15 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। यह व्यापार युद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर का व्यापार होता है।
अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने चीन से आयात होने वाले उत्पादों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। इस टैरिफ का उद्देश्य अमेरिकी बाजार में चीनी उत्पादों की प्रतिस्पर्धा को कम करना और घरेलू उत्पादकों को बढ़ावा देना है। लेकिन इसका सीधा असर दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर पड़ रहा है।
चीन की जवाबी कार्रवाई, 10 से 15 प्रतिशत टैरिफ लगाया
चीन ने अमेरिका के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और जवाबी कदम उठाते हुए अमेरिकी उत्पादों पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की है। चीन के वित्त मंत्रालय ने मंगलवार (4 फरवरी) को इस फैसले की पुष्टि की। चीन का नया टैरिफ सोमवार (10 फरवरी) से प्रभावी होगा, जिससे अमेरिकी निर्यातकों पर सीधा असर पड़ेगा।
किन उत्पादों पर पड़ेगा असर?
चीन के टैरिफ का सबसे ज्यादा प्रभाव अमेरिका से आयात होने वाले कई प्रमुख उत्पादों पर पड़ेगा, जिनमें शामिल हैं:
- बड़ी कारें और पिकअप ट्रक
- कच्चा तेल और एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस)
- कृषि उपकरण
- उच्च उत्सर्जन वाले वाहन
चीन ने अमेरिकी कोयला और एलएनजी पर 15 प्रतिशत तथा कच्चे तेल, पिकअप ट्रकों और अन्य भारी वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का ऐलान किया है। इसके अलावा, चीन ने अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले कुछ खनिजों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
गूगल पर भी चीन की सख्ती
टैरिफ विवाद के अलावा, चीन ने गूगल के खिलाफ जांच शुरू करने की घोषणा की है। चीन के राज्य बाजार विनियमन प्रशासन ने आरोप लगाया है कि गूगल ने उसके एकाधिकार-विरोधी कानूनों का उल्लंघन किया है। यह जांच अमेरिका और चीन के बीच तकनीकी क्षेत्र में चल रहे तनाव को और बढ़ा सकती है।
डब्ल्यूटीओ में अमेरिका के खिलाफ चीन की शिकायत
चीन ने अमेरिकी टैरिफ उपायों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) के विवाद निपटान तंत्र का सहारा लिया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार (4 फरवरी) को एक बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की। यह स्पष्ट संकेत है कि चीन अब इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने की तैयारी कर रहा है।
व्यापार युद्ध का असर
अमेरिका और चीन के बीच जारी यह टैरिफ युद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं आपस में गहराई से जुड़ी हुई हैं, और इस तरह के शुल्क न केवल व्यापार को बाधित करेंगे, बल्कि निवेशकों के लिए भी अस्थिरता पैदा करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह विवाद जल्द नहीं सुलझा, तो यह दोनों देशों के उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए महंगा साबित हो सकता है।