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Waqf Board Bill : वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद में हंगामे की स्थिति बन गई, जब संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट राज्यसभा में प्रस्तुत की गई। भारी विरोध और तीखी बहस के कारण राज्यसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। हालांकि, थोड़ी देर बाद कार्यवाही फिर से शुरू हुई, लेकिन विपक्षी दलों का विरोध जारी रहा।

विपक्ष का कड़ा विरोध, कांग्रेस ने रिपोर्ट को बताया 'फर्जी'

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे "फर्जी" बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि जेपीसी में सभी की राय को शामिल नहीं किया गया, जिससे यह रिपोर्ट निष्पक्ष नहीं कही जा सकती। खड़गे ने मांग की कि इस रिपोर्ट को दोबारा जेपीसी को भेजा जाए और सभी हितधारकों की राय ली जाए।

आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने भी इस रिपोर्ट का विरोध किया और आरोप लगाया कि सरकार वक्फ की जमीन पर कब्जा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि "आज वक्फ की जमीनें छीनी जा रही हैं, कल सरकार गुरुद्वारों, चर्चों और मंदिरों की जमीन पर भी ऐसा ही करने के लिए विधेयक लाएगी।"

सरकार का जवाब – विपक्ष बेवजह मुद्दा बना रहा है

विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष बिना किसी ठोस आधार के इस मुद्दे को तूल दे रहा है। उन्होंने कहा, "विपक्ष के सभी आरोप झूठे हैं। यह रिपोर्ट पूरी तरह से नियमों के तहत बनाई गई है, और विपक्ष जानबूझकर सदन को गुमराह कर रहा है।"

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी विपक्ष के रवैये की आलोचना करते हुए इसे "गैरजिम्मेदाराना" बताया। उन्होंने कहा कि सरकार विधेयक को लेकर पूरी पारदर्शिता बरत रही है, लेकिन विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है।

राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही स्थगित

जैसे ही जेपीसी रिपोर्ट पेश की गई, विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया, जिससे सदन में बहस की स्थिति बिगड़ गई। विपक्षी सांसदों के विरोध और नारेबाजी के कारण राज्यसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

इस बीच, लोकसभा की कार्यवाही भी दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

रिपोर्ट पेश करने के बाद बढ़ी राजनीति

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही जेपीसी की रिपोर्ट मेधा कुलकर्णी ने राज्यसभा में पेश की। इस दौरान विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया और कहा कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि "यह विधेयक न केवल वक्फ संपत्तियों के अधिकारों का हनन करता है, बल्कि यह संविधान की मूल भावना के भी खिलाफ है।"

इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव जारी है। अब देखना होगा कि सरकार इस विधेयक को पारित करवाने के लिए आगे क्या रणनीति अपनाती है और विपक्ष इसे रोकने के लिए किस हद तक जाता है।