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Donald Trump : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि वह रूस को फिर से जी-7 देशों के समूह में शामिल करना चाहते हैं। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि रूस को समूह से बाहर करना एक बड़ी गलती थी। गौरतलब है कि रूस पहले जी-7 समूह का सदस्य था, जिसे उस समय जी-8 के रूप में जाना जाता था। लेकिन 2014 में जब रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, तो उसे इस समूह से बाहर कर दिया गया था।

ट्रम्प ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि यूक्रेन युद्ध पर कोई वार्ता होती है, तो उसमें कीव को भी शामिल किया जाएगा।

ट्रम्प बोले- मैं रूस को वापस देखना पसंद करूंगा

राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा, "मैं चाहूंगा कि रूस दोबारा जी-7 का हिस्सा बने। मुझे लगता है कि उन्हें समूह से बाहर करना एक बड़ी गलती थी।" उन्होंने इस फैसले के लिए पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह निर्णय सामूहिक रूप से लिया गया था, लेकिन अमेरिका को इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ी थी।

जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। रूस को 1997 में इसमें शामिल किया गया था, जब सोवियत संघ के पतन के बाद वह वैश्विक अर्थव्यवस्था में अधिक मजबूती से एकीकृत होने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, क्रीमिया पर कब्जे के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए और उसे समूह से बाहर कर दिया।

ट्रम्प का नया टैरिफ बम

राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिका द्वारा "पारस्परिक कर" (Reciprocal Tax) लागू करने की घोषणा की। यह कर उनके चुनावी वादे का हिस्सा था, जिसके तहत अमेरिका अब उन सभी देशों से आयात पर उतना ही कर लगाएगा जितना वे अमेरिकी उत्पादों और सेवाओं पर लगाते हैं।

इस फैसले का प्रभाव कई देशों पर पड़ सकता है, जिनमें भारत भी शामिल है। ट्रम्प पहले भी कई बार कह चुके हैं कि भारत उन देशों में से एक है जो अमेरिकी उत्पादों पर सबसे अधिक शुल्क लगाता है। उनके इस नए टैरिफ नियम से चीन, मैक्सिको और भारत जैसे देशों पर खास असर पड़ सकता है।

"जो कोई भी टैरिफ लगाएगा, हम भी वही करेंगे" – ट्रम्प

नई नीति के तहत कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रम्प ने दो टूक कहा, "जो भी देश अमेरिका पर टैरिफ लगाएगा, हम भी उनके उत्पादों पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे—न ज्यादा, न कम। हम प्रत्येक देश के टैरिफ को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेंगे।"

ट्रम्प ने यह भी दावा किया कि अधिकतर देशों ने अमेरिका के उत्पादों पर ऊंचे कर लगाए हैं, जिससे अमेरिकी व्यापार को नुकसान हो रहा है। इस नीति के लागू होने के बाद अमेरिका को समान स्तर पर व्यापार करने का अवसर मिलेगा। अब देखना यह है कि इस फैसले से वैश्विक व्यापार पर क्या असर पड़ता है, खासकर भारत और अमेरिका के संबंधों पर।