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डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद अवैध प्रवासियों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी। 6 दिनों के भीतर, उनके प्रशासन ने सैकड़ों अवैध अप्रवासियों को निर्वासित कर दिया। इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन के अधिकारी गुरुद्वारों और अन्य धार्मिक स्थलों का दौरा कर अवैध अप्रवासियों की जांच कर रहे हैं। यह कदम विवादों में आ गया है, क्योंकि सिख संगठनों ने इसे आस्था की पवित्रता पर हमला बताया है।
गुरुद्वारों में जांच: सिख समुदाय में रोष
न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी में स्थित कई गुरुद्वारों का दौरा गृह विभाग (DHS) के अधिकारियों द्वारा किया गया, ताकि वहां मौजूद अवैध अप्रवासियों की पहचान की जा सके।
सिख संगठनों की प्रतिक्रिया:
सिख संगठनों ने इन कार्रवाइयों की आलोचना करते हुए कहा कि गुरुद्वार केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि सामुदायिक केंद्र भी हैं।
सिख समुदाय ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता और आस्था पर हमला करार दिया।
उनका कहना है कि गुरुद्वारों को निशाना बनाना अप्रवासी समुदायों के लिए चिंताजनक संदेश देता है।
बाइडेन की गाइडलाइंस रद्द
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के कुछ घंटों के भीतर, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के कार्यवाहक सचिव बेंजामिन हफमैन ने आव्रजन और सीमा सुरक्षा से संबंधित जो बाइडेन प्रशासन की गाइडलाइंस को रद्द कर दिया।
संवेदनशील क्षेत्रों का संरक्षण खत्म:
बाइडेन के प्रशासन ने गुरुद्वारे और चर्च जैसे धार्मिक स्थलों को संवेदनशील क्षेत्र मानते हुए कानून प्रवर्तन पर रोक लगाई थी।
लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इन दिशानिर्देशों को हटाकर, अधिकारियों को धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई का अधिकार दिया।
गृह विभाग का बयान
गृह कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह कार्रवाई सीमा शुल्क और आव्रजन अधिकारियों को अपराधियों और अवैध अप्रवासियों को पकड़ने की स्वतंत्रता देती है।
प्रवक्ता का तर्क:
"यह कदम हमारे आव्रजन कानूनों को लागू करने और हत्यारों और बलात्कारियों सहित आपराधिक एलियंस को पकड़ने के लिए जरूरी है।"
सिख संगठनों की नाराजगी
SALDEF (सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड) की कार्यकारी निदेशक किरण कौर गिल ने इस कदम की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने कहा, "गुरुद्वारे सिर्फ पूजा स्थल नहीं हैं, बल्कि ये सिख समुदाय के लिए सहायता और आध्यात्मिक सांत्वना के केंद्र हैं।"
उन्होंने यह भी कहा, "गुरुद्वारों को निशाना बनाना न केवल हमारे विश्वास की पवित्रता को खतरे में डालता है, बल्कि अप्रवासी समुदायों को असुरक्षित महसूस कराता है।"
सिख समुदाय का योगदान और भावनाएं
सिख समुदाय ने हमेशा से अमेरिका में सकारात्मक योगदान दिया है।
गुरुद्वारे न केवल सिख धर्म के लिए पूजास्थल हैं, बल्कि वे सामाजिक सेवा का केंद्र भी हैं।
लंगर सेवा और आपात स्थितियों में राहत कार्य जैसे प्रयासों से सिख समुदाय ने अमेरिका में अपनी खास पहचान बनाई है।