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अरब देशों के संगठन गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) के एक और सदस्य देश कतर ने भारत में बड़ा निवेश करने की घोषणा की है। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने ऐलान किया कि वह 10 बिलियन डॉलर (करीब 83 हजार करोड़ रुपये) का निवेश भारत में करेंगे। यह निवेश टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जाएगा। उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

व्यापार और ऊर्जा पर हुई अहम डील

मंगलवार, 18 फरवरी 2025 को शेख तमीम बिन हमद अल थानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार और ऊर्जा सहयोग को लेकर कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए। कतर इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA) ने साल 2030 तक भारत में अपना एक ऑफिस खोलने का भी फैसला लिया है, जिससे निवेश की प्रक्रिया और तेज हो सकेगी।

द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य

इस बैठक के दौरान दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 14 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 28 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का संकल्प लिया। इसके साथ ही, भारत और कतर के बीच रणनीतिक साझेदारी को नए स्तर तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता भी जताई गई।

रणनीतिक साझेदारी और कर समझौतों पर सहमति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच दो महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए:

  1. रणनीतिक साझेदारी को लेकर समझौता – इससे दोनों देशों के व्यापार और निवेश में सहयोग को और मजबूती मिलेगी।
  2. संशोधित दोहरे कराधान (Double Taxation) से बचने का समझौता – इससे कंपनियों और निवेशकों को टैक्स में राहत मिलेगी और व्यापारिक सुगमता बढ़ेगी।

अन्य महत्वपूर्ण समझौते और सहयोग

इसके अलावा, भारत और कतर ने पांच सहमति पत्रों (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए। ये समझौते आर्थिक साझेदारी, अभिलेख प्रबंधन, युवा मामलों और खेल जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए किए गए हैं।

पिछले साल पीएम मोदी की कतर यात्रा के दौरान, भारत ने कतर से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के आयात को 20 साल (2048 तक) के लिए बढ़ाने हेतु 78 अरब डॉलर के दीर्घकालिक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे। इससे भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में कतर की महत्वपूर्ण भूमिका बनी रहेगी।

GCC में भारत की मजबूत स्थिति

सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और कुवैत के बाद, कतर पांचवां GCC सदस्य है, जिसके साथ भारत ने रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अब खाड़ी देशों के साथ अपने आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

सुरक्षा और तकनीकी सहयोग भी होगा मजबूत

भारत और कतर ने खुफिया जानकारी साझा करने, सुरक्षा सहयोग और साइबर अपराध, मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग ट्रैफिकिंग जैसी गतिविधियों पर संयुक्त कार्रवाई करने का भी निर्णय लिया है। दोनों देश तकनीकी और लॉ एनफोर्समेंट के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए भी सहमत हुए हैं।