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India Energy Week : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वर्चुअली भारत ऊर्जा सप्ताह का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं और आत्मनिर्भरता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इस आयोजन में शामिल सभी लोगों को सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र के अहम भागीदार बताया।

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी को भारत की सदी माना जा रहा है, और भारत न केवल अपने विकास पर ध्यान दे रहा है, बल्कि वैश्विक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस दिशा में ऊर्जा क्षेत्र की भागीदारी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

भारत की ऊर्जा नीति के पांच प्रमुख स्तंभ

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की ऊर्जा नीति के पांच प्रमुख स्तंभों के बारे में विस्तार से बताया, जिन पर देश की ऊर्जा रणनीति आधारित है। ये पांच स्तंभ हैं:

1. संसाधनों का प्रभावी उपयोग

भारत के पास भरपूर प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं, और सरकार इनका सही एवं प्रभावी तरीके से उपयोग करने पर जोर दे रही है। अक्षय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर, पवन और जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि देश की ऊर्जा जरूरतें पूरी हो सकें।

2. नवाचार और तकनीकी विकास

पीएम मोदी ने कहा कि देश के युवाओं को नवाचार और अनुसंधान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इससे ऊर्जा क्षेत्र में नई तकनीकों का विकास हो रहा है। हाइड्रोजन ऊर्जा, सौर ऊर्जा भंडारण तकनीक और इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में उन्नत अनुसंधान हो रहा है।

3. आर्थिक ताकत और राजनीतिक स्थिरता

भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और स्थिर सरकार ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित कर रही है। सरकार की नीतियां भारत को ऊर्जा उत्पादन और वितरण के वैश्विक हब के रूप में विकसित करने में मदद कर रही हैं।

4. रणनीतिक भौगोलिक स्थिति

भारत की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वह वैश्विक ऊर्जा व्यापार का केंद्र बन सकता है। मध्य पूर्व और एशिया के प्रमुख ऊर्जा उत्पादकों के साथ भारत के मजबूत व्यापारिक संबंध हैं, जिससे देश की ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

5. वैश्विक स्थिरता के लिए प्रतिबद्धता

भारत सतत विकास और वैश्विक स्थिरता को प्राथमिकता देता है। हरित ऊर्जा (Green Energy) के क्षेत्र में भारत ने कई बड़े लक्ष्य तय किए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

भारत: दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक

पीएम मोदी ने बताया कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन चुका है। देश में सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि भारत का जैव ईंधन उद्योग तेज़ी से विकसित हो रहा है। भारत के पास 500 मिलियन मीट्रिक टन टिकाऊ फीडस्टॉक उपलब्ध है, जो जैव ईंधन उत्पादन को और अधिक सशक्त बनाएगा।

वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuel Alliance)

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (GBA) की स्थापना की गई थी। इस गठबंधन में अब तक 28 देश और 12 अंतर्राष्ट्रीय संगठन शामिल हो चुके हैं।

इस पहल से:
अपशिष्ट को संपत्ति में बदला जा रहा है
ऊर्जा उत्पादन के लिए नई तकनीकों का विकास हो रहा है
र्जा क्षेत्र में नए अवसर और निवेश बढ़ रहे हैं

2030 तक ऊर्जा क्षेत्र में बड़े लक्ष्यों को पाने का संकल्प

पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले दो दशक भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत कई बड़े ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत के प्रमुख ऊर्जा लक्ष्य 2030 तक:

500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा उत्पादन क्षमता
कार्बन उत्सर्जन में 1 बिलियन टन की कमी
सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में वैश्विक नेतृत्व
ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में आत्मनिर्भरता

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने वैश्विक ऊर्जा बाजार में अपनी स्थिति मजबूत की है। भारत अब दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और ऊर्जा क्षेत्र में सुधारों के साथ यह गति और तेज होगी।

किसानों को ऊर्जा प्रदाता बनाने पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने किसानों और आम जनता को केवल ऊर्जा उपभोक्ता नहीं, बल्कि ऊर्जा प्रदाता बनाने का संकल्प लिया है।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू की है, जिससे देश के हर घर को सौर ऊर्जा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

इस योजना के लाभ:

किसान अपनी अतिरिक्त सौर ऊर्जा सरकार को बेच सकेंगे
देश में नवीकरणीय ऊर्जा का तेजी से विकास होगा
 नए रोजगार और निवेश के अवसर बढ़ेंगे
ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि आएगी

प्रधानमंत्री ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने और सतत विकास को प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत सभी नागरिकों की भागीदारी से ऊर्जा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।