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Parliament Budget Session : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के समय मची भगदड़ से हड़कंप मच गया। इस हादसे में कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। मृतकों की सही संख्या को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। कुछ लोगों का आरोप है कि भगदड़ एक से अधिक स्थानों पर हुई थी, लेकिन सरकार इस सच्चाई को छिपा रही है।
इस मुद्दे को संसद के बजट सत्र में विपक्ष ने जोरशोर से उठाया। सोमवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने यूपी सरकार पर मृतकों की सही संख्या छिपाने का आरोप लगाया और मांग की कि सरकार मृतकों की पूरी सूची सार्वजनिक करे। विपक्षी सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा किया, जिससे कार्यवाही बाधित हुई।
लोकसभा में हंगामा : विपक्ष ने सरकार को घेरा
संसद के बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई थी। शनिवार को आम बजट पेश किया गया, जिसके बाद सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने प्रयागराज महाकुंभ की भगदड़ का मुद्दा उठाया।
लोकसभा अध्यक्ष की अपील
जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने मृतकों की सूची जारी करने की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा,
"देश की जनता ने आपको इसी कार्य के लिए चुना है, कृपया जिम्मेदारी से काम करें।"
हालांकि, विपक्षी सांसद सरकार पर हमला करने से पीछे नहीं हटे और सरकार पर घटना की सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया।
सरकार की प्रतिक्रिया
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि,
"सदन को इस तरह बाधित करना उचित नहीं है। विपक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान अपने विचार रख सकता है।"
इसके बावजूद विपक्ष ने हंगामा जारी रखा और सरकार से मृतकों की संख्या को स्पष्ट करने की मांग की।
क्या था पूरा मामला?
मौनी अमावस्या के दिन संगम घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी। संगम में स्नान का विशेष महत्व होने के कारण लाखों लोग घाट पर एकत्र हुए थे।
कैसे हुई भगदड़?
- अचानक एक महिला बेहोश हो गई, जिससे भीड़ में अफरा-तफरी मच गई।
- कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने लगे, जिससे भगदड़ और ज्यादा बढ़ गई।
- प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक वाहन श्रद्धालुओं के ऊपर चढ़ गया, जिससे भगदड़ और ज्यादा भयावह हो गई।
- इस हादसे में 30 से अधिक लोगों की मौत और कई अन्य के घायल होने की खबर है।
- प्रशासन पर भीड़ नियंत्रण में विफल रहने के आरोप लग रहे हैं।
विपक्ष का आरोप है कि सरकार मृतकों की सही संख्या छिपा रही है और पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है।
संसद में भगदड़ पर सरकार बनाम विपक्ष
लोकसभा में भगदड़ का मुद्दा उठने के बाद विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। विपक्ष का कहना है कि योगी सरकार ने इस हादसे में जान गंवाने वालों की सही संख्या जारी नहीं की है।
सरकार का दावा है कि स्थानीय प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा हुआ है और पीड़ितों के परिवारों को हरसंभव मदद दी जा रही है। हालांकि, विपक्ष इस दावे से संतुष्ट नहीं है और सरकार पर जानकारी छिपाने का आरोप लगा रहा है।
अब आगे क्या?
- विपक्ष मांग कर रहा है कि सरकार मृतकों और घायलों की सूची सार्वजनिक करे।
- विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी दी है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में इस मुद्दे पर जवाब देने की संभावना है।
- इस भगदड़ को लेकर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए जा सकते हैं।