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Maha Kumbha : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले की ओर जाने वाले मार्गों पर अभूतपूर्व ट्रैफिक जाम देखने को मिला। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण जबलपुर, कटनी, रीवा होते हुए प्रयागराज जाने वाले मुख्य मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। कई श्रद्धालु सैकड़ों किलोमीटर दूर ही अपनी कारों में फंसे रह गए, जिससे हालात और गंभीर हो गए।
300 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम: प्रशासन की तैयारी हुई विफल
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रयागराज की ओर जाने वाले मुख्य रास्तों पर 200 से 300 किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। मध्य प्रदेश से होकर आने वाले तीर्थयात्री इस जाम में घंटों तक फंसे रहे। स्थानीय प्रशासन की तैयारी अपर्याप्त साबित हुई और जाम की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती गई।
कटनी पुलिस ने श्रद्धालुओं से हाथ जोड़कर वापस लौटने की अपील की। कई स्थानों पर पुलिस ने यातायात पूरी तरह से रोक दिया, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में मध्य प्रदेश के कटनी, जबलपुर, मैहर और रीवा जिलों में हजारों कारों और ट्रकों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं।
महाकुंभ की ओर बढ़ना हुआ मुश्किल
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि रविवार को प्रयागराज की ओर बढ़ना लगभग असंभव हो गया था। जाम इतना गंभीर था कि कटनी जिले में अधिकारियों ने घोषणा कर दी कि सोमवार तक यातायात बंद रहेगा। वहीं, मैहर पुलिस ने यात्रियों को कटनी और जबलपुर वापस लौटने की सलाह दी।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "जबलपुर से 15 किलोमीटर पहले ही ट्रैफिक रुक गया है, जबकि प्रयागराज अभी भी 400 किलोमीटर दूर है।" यह स्थिति श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बन गई, जो महाकुंभ में स्नान करने के लिए लंबे सफर पर निकले थे।
दक्षिण भारत से आने वाले श्रद्धालु भी प्रभावित
महाकुंभ मेले में भाग लेने के लिए देशभर से श्रद्धालु उमड़ पड़े, लेकिन दक्षिण भारत से आने वाले तीर्थयात्री विशेष रूप से इस जाम से प्रभावित हुए। वे भी जबलपुर, कटनी और रीवा के रास्ते से ही प्रयागराज पहुंचते हैं, जिससे इन मार्गों पर यातायात का दबाव चरम पर पहुंच गया।
सड़कों पर वाहनों की भीड़ के अलावा, टोल बैरियरों पर मनमाने शुल्क भी ट्रैफिक की समस्या को और बढ़ा रहे हैं। श्रद्धालुओं को घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे उनकी यात्रा बाधित हो गई है।
कटनी पुलिस ने श्रद्धालुओं से लौटने की अपील की
स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कटनी पुलिस को श्रद्धालुओं से विनम्रता पूर्वक वापस लौटने की अपील करनी पड़ी। पुलिसकर्मी हाथ जोड़कर लोगों से अनुरोध कर रहे थे, "इलाहाबाद (प्रयागराज) की ओर जाने वाली सड़कों पर भारी जाम लगा हुआ है, कृपया लौट जाएं। किसी होटल या ढाबे में रुकें।"
प्रशासन का कहना है कि भारी भीड़ के कारण यात्रा सुचारू रूप से संभव नहीं है और प्रयागराज की सड़कों पर वाहनों का लंबा जाम लगा हुआ है।
संभवतः दुनिया का सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कटनी से लेकर रीवा जिले के चाकघाट (एमपी-यूपी बॉर्डर) तक करीब 250 किलोमीटर का ट्रैफिक जाम देखा गया। यह स्थिति अब तक के सबसे बड़े ट्रैफिक जाम में से एक हो सकती है।
श्रद्धालु सोशल मीडिया पर इस जाम को लेकर अपनी परेशानियां व्यक्त कर रहे हैं। एक यात्री ने लिखा, "पूरे रास्ते में गाड़ियां ही गाड़ियां हैं, कोई आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रहा।"
महाकुंभ की भीड़ ने तोड़ा रिकॉर्ड
प्रयागराज महाकुंभ में इस बार श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ रही है। संगम में पवित्र स्नान करने के लिए लाखों लोग पहुंचे हैं, जिससे जबलपुर, कटनी और रीवा होते हुए प्रयागराज जाने वाले मार्गों पर यातायात ठप हो गया है।
रविवार को स्थिति और खराब हो गई, जब हजारों वाहन एक ही समय में प्रयागराज की ओर बढ़ने लगे। इसके चलते 10 से 15 किलोमीटर का स्थानीय जाम और बढ़कर 200-300 किलोमीटर तक फैल गया।
प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी साबित हुए
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी साबित हुए। प्रयागराज की ओर जाने वाली मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक नियंत्रण पूरी तरह से असफल रहा।
लाखों वाहन सड़कों पर उतरने से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी यातायात बहाल करने में असमर्थ नजर आए।
आगे की राह: क्या किया जा सकता है?
- प्रशासन को ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार करने होंगे।
- श्रद्धालुओं के ठहरने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ताकि वे सड़कों पर न फंसे।
- ट्रैफिक नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती जरूरी है।
- ऑनलाइन सूचना प्रणाली के माध्यम से लोगों को अपडेट दिया जाना चाहिए ताकि वे यात्रा की योजना बना सकें।