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Cabinet Decision : प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला, जल्द शुरू होगी कमेटी का गठन और प्रक्रिया, वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी की संभावना केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है वहीं केंद्र सरकार सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे रही है. केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.

8वां वेतन आयोग: मंजूरी और आगे की प्रक्रिया

पीएम मोदी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई. इसके लिए जल्द ही एक कमेटी का गठन किया जाएगा और 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

लंबे समय से चली आ रही मांग

केंद्रीय कर्मचारियों की यूनियनें लंबे समय से कैबिनेट सचिव से मिलकर 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग कर रही हैं और इसके लिए सरकार पर लगातार दबाव बना रही हैं. पिछले एक साल में कई बार कर्मचारी संगठन इस मामले पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण की मांग कर चुके हैं. पिछले बजट के बाद जब वित्त सचिव टीवी सोमनाथन से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार के पास इस काम के लिए अभी पर्याप्त समय है.

7वें वेतन आयोग और 8वें वेतन आयोग का कार्यान्वयन

1 जनवरी 2016 से देश में 7वां वेतन आयोग लागू हुआ, जिससे करीब 1 करोड़ लोगों को फायदा हुआ। चूंकि वेतन आयोग आमतौर पर हर 10 साल में लागू होता है, इसलिए उम्मीद है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 1 जनवरी, 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू करेगी। इससे न्यूनतम वेतन और पेंशन में बड़े बदलाव होने की संभावना है।

प्रत्येक 10 वर्ष पर एक नया आयोग

पिछले वेतन आयोग के गठन को 10 साल से अधिक समय बीत चुका है। आमतौर पर अगले वेतन आयोग का गठन हर 10 साल में किया जाता है। पुराने वेतन आयोग की जगह नए वेतन आयोग की सिफ़ारिशें लागू होने के बीच आमतौर पर 10 साल का अंतर होता है. ऐसे में आठवें वेतन आयोग का गठन जरूरी हो गया था.

अंतिम आयोग का गठन कब हुआ था?

सातवें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 28 फरवरी 2014 को किया गया था. सातवें वेतन आयोग ने लगभग डेढ़ साल बाद नवंबर 2015 में केंद्र सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपीं। इसके बाद 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो गईं, जो अभी भी लागू हैं।