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Deportation of Indians : अमेरिका से अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीयों के निर्वासन को लेकर विपक्षी दलों में भारी आक्रोश है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच रिश्तों पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा,
"अगर प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप के इतने अच्छे मित्र हैं, तो उन्होंने ऐसा क्यों होने दिया? हमारा जहाज इन भारतीयों को लेने क्यों नहीं जा सका?"
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि भारतीय नागरिकों को हथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर भेजना अमानवीय है, और इसके लिए विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए।
संसद में विपक्ष का हंगामा
5 फरवरी को संसद में विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया।
सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने तत्काल बहस की मांग की।
सदन में "सरकार शर्म करो" जैसे नारे गूंजने लगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह विदेश नीति से जुड़ा विषय है और सरकार इससे अवगत है।
हंगामे के चलते पहले 12 बजे और फिर 2 बजे तक कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर का कार्यस्थगन नोटिस
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में कार्यस्थगन नोटिस दिया।
उन्होंने कहा,
"अमेरिका से 100 से अधिक भारतीयों के निष्कासन की खबर से पूरा देश स्तब्ध है। यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और सरकार इस पर चुप क्यों है?"
टैगोर ने यह भी सवाल उठाया कि भारत सरकार ने अभी तक इस अमानवीय व्यवहार की निंदा क्यों नहीं की।
सदन के बाहर विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन
संसद के अंदर ही नहीं, सदन के बाहर भी विपक्षी दलों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर प्रदर्शन में शामिल हुए।
विपक्ष ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर अमेरिका से जवाब मांगना चाहिए।
शशि थरूर ने इसे भारत की गरिमा का अपमान बताया।
क्या है विवाद की मुख्य वजह?
अवैध अप्रवास : निर्वासित किए गए भारतीय अमेरिका में गैरकानूनी रूप से रह रहे थे।
हथकड़ी पहनाकर निर्वासन : निर्वासन प्रक्रिया में भारतीयों को हथकड़ी लगाई गई और सैन्य विमान से भेजा गया।
भारत सरकार की चुप्पी : विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस पर कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दे रही।