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अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। उनके हालिया बयान के अनुसार, गाजा पट्टी को पुनर्विकास किया जाएगा, लेकिन फिलिस्तीनियों को वहां लौटने का अधिकार नहीं होगा। इस विवादास्पद प्रस्ताव को लेकर विभिन्न देशों और संगठनों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
गाजा पट्टी का पुनर्विकास और फिलिस्तीनियों का भविष्य
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि गाजा पट्टी को फिर से बसाने में कई साल लगेंगे और इसका पुनर्निर्माण किया जाएगा। लेकिन उनके अनुसार, इस प्रक्रिया के तहत फिलिस्तीनियों को गाजा में लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ट्रम्प का मानना है कि फिलिस्तीनियों के लिए अन्य देशों में पुनर्वास एक बेहतर विकल्प होगा।
फिलिस्तीनियों को पड़ोसी देशों में बसाने की योजना
ट्रम्प ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका, जॉर्डन और मिस्र के साथ एक समझौता कर सकता है, जिसके तहत फिलिस्तीनी शरणार्थियों को इन देशों में बसाया जा सकता है। अमेरिका हर साल इन देशों को अरबों डॉलर की सहायता देता है, और ट्रम्प ने सुझाव दिया कि इस फंड का उपयोग फिलिस्तीनियों के पुनर्वास के लिए किया जा सकता है।
गाजा को फिर से रहने योग्य बनाने में लगेंगे सालों
फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में जब ट्रम्प से पूछा गया कि क्या फिलिस्तीनियों को गाजा लौटने की अनुमति होगी, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से 'नहीं' कहा। उनका कहना था कि गाजा में पुनर्वास की प्रक्रिया लंबी होगी, और फिलिस्तीनियों को इससे बेहतर आवास दिया जा सकता है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि वह फिलिस्तीनियों के लिए एक स्थायी स्थान बनाने की योजना बना रहे हैं, जिससे वे बेहतर जीवन जी सकें।
हमास की कड़ी प्रतिक्रिया
हमास ने ट्रम्प के बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है। हमास के वरिष्ठ अधिकारी समी अबू जुहरी ने कहा कि ट्रम्प का यह कहना कि फिलिस्तीनियों को गाजा लौटने का कोई अधिकार नहीं होगा, पूरी तरह से अनुचित है। उन्होंने इस प्रस्ताव को फिलिस्तीनी जनता के अधिकारों पर सीधा हमला बताया।
सऊदी अरब और अन्य सहयोगी देशों की असहमति
जब ट्रम्प ने गाजा पट्टी पर अपने कब्जे की योजना साझा की, तो सऊदी अरब सहित कई देशों ने इसे अस्वीकार कर दिया। सऊदी सरकार ने साफ कर दिया कि वह इस प्रस्ताव को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेगी। हालांकि, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस योजना की प्रशंसा की और इसे एक व्यावहारिक समाधान बताया।
अमेरिकी विदेश मंत्री की मध्य पूर्व यात्रा
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो इस सप्ताहांत मध्य पूर्व की अपनी पहली यात्रा पर जा रहे हैं। उनकी इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य फिलिस्तीनी संकट और गाजा पट्टी की स्थिति पर चर्चा करना है। वाशिंगटन में मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती से मुलाकात के दौरान रुबियो ने इस मुद्दे पर बातचीत की। मिस्र सरकार को आशंका है कि फिलिस्तीनियों को गाजा छोड़कर मिस्र में शरण लेने के लिए मजबूर किया जा सकता है, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है।